बीते कई दिनों से दिल्ली मे आई फ्लू के मामले तेजी से बढ रहे है जिसकी वजह से अस्पतालों के बाहर लंबी लाईनें लग रही है। इस बीच मलेरिया डेंगू ने भी दस्तक दे दी है। कई दिनों की बारिश से जगह जगह पानी जमा हो रहा है इशलिए लगातार डेंगू के केस में इजाफा हो रहा है। इस सीजन में मलेरिया डेंगू केस के बारे में बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में 77 डेंगू के केस, 30 मलेरिया और चिकनगुनिया के 4 केस सामने आए हैं। जिसके बाद दिल्ली की एमसीडी भी अलर्ट हो गई है। डेंगू के बढते केस के देखते हुए दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने अधिकारियों के साथ बैठक की ।
डेंगू की रोकथाम को लेकर सिविक सेंटर में बैठक
सिविक सेंटर में हुई बैठक के बाद दिल्ली मेयर डॉक्टर शैली ओबरॉय ने कहा कि इस बार भी एमसीडी कर्मचारियों व विभागीय अधिकारियों की फौज ग्राउंड पर उतर कर जनता तक सीधा पहुंचेगी। डेंगू और मलेरिया से बचाव की रणनीति के तहत हर संभव प्रयास को अपनाने के लिए लोगों से अपील करेगी।
शैली ओबेरॉय ने डेंगू मलेरिया को लेकर की बात
शैली ओबेरॉय ने आगे कहा कि अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में 77 डेंगू के केस, 30 मलेरिया और चिकनगुनिया के 4 केस सामने आए हैं। पिछले सालों की तुलना में इस बार हालात अलग हैं। इसके लिए एमसीडी की तैयारी पूरी होनी चाहिए।
MCD के अधिकारी और कर्मचारी हर स्थिति पर नजर रखें
एमसीडी के अधिकारी और कर्मचारी हर स्थिति पर नजर बनाए रखें। दिल्ली में डेंगू मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए 3000 डीबीसी वर्कर्स व 2000 एमसीडी के फील्ड वर्करों को ग्राउंड पर उतारा जा रहा हैष जो लोगों के घर तक पहुंचकर डेंगू मलेरिया से रोकथाम के साथ जलभराव और गंदगी की जांच करेंगे। साथ ही रोगों से रोकथाम के लिए जनता को जागरूक करेंगे। डेंगू से बचने के लिए एमसीडी ने इस तरह की तैयारीयां कर ली है।
मलेरिया की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदम
वहीं नियमों के उल्लंघन को लेकर दिल्ली की मेयर ने कहा कि डेंगू और मलेरिया स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ बेहद गंभीर विषय है। अगर जनता का सहयोग न मिला तो बढ़ते केस की वजह से हालात को नियंत्रण करने में काफी मुश्किलें आ सकती है।
दिल्ली मेयर ने आम लोगों से अपील की
इसलिए दिल्ली मेयर ने दफ्तर विभाग आम लोगों सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने आसपास कहीं भी पानी इकट्ठा ना होने दें। साफ सफाई का ध्यान रखें। इसके अलावा, यह भी दिशा निर्देश देते हुए कहा कि एमसीडी लोगों को चालान काट कर बिल्कुल भी परेशान नहीं करना चाहती। लेकिन नियमों को अनदेखा किया गया और अगर सख्ती बरतने की आवश्यकता पड़ी तो चालान भी काटे जाएंगे।