उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुश्किले बढती ही जा रही है बता दे बीते दिनों उन्हें शराब घोटाले के मामले में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। काफी समय से सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही तिहाड़ में ईडी भी पूछताछ कर रही है। इन सबके बीच राउज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत और रिमांड पर बहस शुरू हो गई है।
ईडी ने सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया
सिसोदिया को ईडी की टीम ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। ईडी ने आज सुबह ही स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सिसोदिया को दस दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने की मांग की थी। इसी के साथ ईडी ने कोर्ट में दलील दी है कि सिसोदिया के कहने पर ही नियम को बदला गया। भ्रष्टाचार के इस खेल में मनीष सिसोदिया को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जानी है।
सिसोदिया ने ही नियम में बदलाव किया
हालांकि उस समय कोर्ट ने पहले सिसोदिया को पेश करने को कहा था। लेकिन अब ईडी ने सिसोदिया को कोर्ट में पेश कर एक बार फिर कहा की उनकी रिमांड बहुत जरूरी है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि कुछ खास कारोबारियों की कमाई के लिए आबकारी नीति में व्यवस्था की गई थी। उन्हें 12 फीसदी मार्जिन बढ़ाने का फैसला किया गया था। ईडी ने बताया बताया कि वैसे तो यह फैसला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का बताया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि एक आदमी के अलावा इसकी जानकारी किसी और को थी ही नहीं।
शराब कारोबारियों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया गया
इसके साथ ही ईडी ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए बताया कि पूरे सिंडीकेट को विजय नायर नेतृत्व कर रहा था। विजय नायर से ही कविता ने मुलाकात की थी। यह सारा कुछ मनीष सिसोदिया के कहने पर हो रहा था। इसमें शराब कारोबारियों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया गया। जबकि इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव ना तो ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक में रखा गया और ना ही दूसरे प्लेटफार्म पर चर्चा हुई। बल्कि इसकी जानकारी अकेले सिसोदिया को थी। तो इस तरह से सिसोदिया की मुश्किलें बढती जा रही है। इस मामलें में अब अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह का नाम भी लिया जा रहा है। एसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकी आरप पार्टी के दो मंत्री ईडी और सीबीआई की चपेट में आ चुके है और उन्हे गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
ईडी ने सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया
सिसोदिया को ईडी की टीम ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। ईडी ने आज सुबह ही स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सिसोदिया को दस दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने की मांग की थी। इसी के साथ ईडी ने कोर्ट में दलील दी है कि सिसोदिया के कहने पर ही नियम को बदला गया। भ्रष्टाचार के इस खेल में मनीष सिसोदिया को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जानी है।
सिसोदिया ने ही नियम में बदलाव किया
हालांकि उस समय कोर्ट ने पहले सिसोदिया को पेश करने को कहा था। लेकिन अब ईडी ने सिसोदिया को कोर्ट में पेश कर एक बार फिर कहा की उनकी रिमांड बहुत जरूरी है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि कुछ खास कारोबारियों की कमाई के लिए आबकारी नीति में व्यवस्था की गई थी। उन्हें 12 फीसदी मार्जिन बढ़ाने का फैसला किया गया था। ईडी ने बताया बताया कि वैसे तो यह फैसला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का बताया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि एक आदमी के अलावा इसकी जानकारी किसी और को थी ही नहीं।
शराब कारोबारियों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया गया
इसके साथ ही ईडी ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए बताया कि पूरे सिंडीकेट को विजय नायर नेतृत्व कर रहा था। विजय नायर से ही कविता ने मुलाकात की थी। यह सारा कुछ मनीष सिसोदिया के कहने पर हो रहा था। इसमें शराब कारोबारियों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया गया। जबकि इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव ना तो ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक में रखा गया और ना ही दूसरे प्लेटफार्म पर चर्चा हुई। बल्कि इसकी जानकारी अकेले सिसोदिया को थी। तो इस तरह से सिसोदिया की मुश्किलें बढती जा रही है। इस मामलें में अब अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह का नाम भी लिया जा रहा है। एसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकी आरप पार्टी के दो मंत्री ईडी और सीबीआई की चपेट में आ चुके है और उन्हे गिरफ्तार भी कर लिया गया है।