मध्यप्रदेश : नर्मदा से मालवा का गिरता जलस्तर सुधरेगा : शिवराज - Punjab Kesari
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मध्यप्रदेश : नर्मदा से मालवा का गिरता जलस्तर सुधरेगा : शिवराज

42 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है। परियोजना के लिए ओंकारेश्वर जलाशय से 15 घनमीटर

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मालवा के गिरते जल स्तर को सुधारने के लिये यहां नर्मदा का पानी उद्वहन कर लाया गया है। श्री चौहान ने उज्जैन जिले के तराना में कल 2215 करोड़ 64 लाख रुपए की नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय उद्वहन सिंचाई परियोजना में नर्मदा, गंभीर, कालीसिंध और पार्वती नदी को जोड़ कर किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में प्रदेश में हर गरीब व्यक्ति की सालाना आय कम से कम एक लाख रुपए, पक्का मकान, महिलाओं को पूरा सम्मान, गांव को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। राज्य में तीन एक्सप्रेस हाई-वे होंगे। श्री चौहान ने बताया कि संबल योजना में 200 करोड़ रुपए के बिजली बिल माफ कर दिए गए हैं। योजना में प्रदेश की 2.5 करोड़ आबादी को लाभ मिल रहा है।

 श्री चौहान ने तराना और घटिया विधानसभा क्षेत्र में 52 करोड़ 22 लाख रुपए लागत के पांच उच्च स्तरीय पुल, चार करोड़ 16 लाख रुपए लागत के डोगरा गुर्जर तालाब, 26 करोड़ 40 लाख रुपए लागत के तराना- माकड़न-दुपाड़ मार्ग का भूमिपूजन भी किया। उन्होंने ग्राम मांगलिया में 46 लाख और ग्राम लुसूड़या में 48 लाख रुपये की लागत से निर्मित नल-जल योजना, घटिया में पुलिस थाना भवन एवं यातायात पुलिस थाना का लोकार्पण और तराना विधानसभा में 36 करोड़ 56 लाख रुपए लागत के 49.55 किलोमीटर मार्ग का भूमिपूजन भी किया। नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय माइक्रो सिंचाई परियोजना नर्मदा-मालवा लिंक अभियान का महत्वपूर्ण चरण है।

परियोजना पूर्ण होने पर उज्जैन और शाजापुर जिलों में 30 हजार हेक्टेयर सिंचाई कमाण्ड क्षेत्र सृजित होगा। उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र के 55 गांव और घट्टिया क्षेत्र के सात गांव को सिंचाई का लाभ मिलेगा। साथ ही, तराना, झंगरा, घट्टिया और गुराड़यि गुर्जर गांवों को पेयजल मिलने के साथ उज्जैन और नागदा क्षेत्र के उद्योगों को जल मिलेगा। नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय उद्वहन सिंचाई परियोजना को 42 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है। परियोजना के लिए ओंकारेश्वर जलाशय से 15 घनमीटर प्रति सेकेण्ड नर्मदा जल उद्वहन किया जाएगा।

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