भगवान राम सबसे सम्मानित देवताओं में से एक, तो क्यों न बने मंदिर : पवन वर्मा - Punjab Kesari
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भगवान राम सबसे सम्मानित देवताओं में से एक, तो क्यों न बने मंदिर : पवन वर्मा

राजनितिक पार्टियों को अयोध्या में राम मंदिर याद आने लगा है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह

बिहार : 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनितिक पार्टियों को अयोध्या में राम मंदिर याद आने लगा है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की मुलाकात और सहमति बनने के दूसरे दिन जेडीयू के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने बड़ा बयान दिया है।

पवन वर्मा ने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में भगवान राम सबसे सम्मानित देवताओं में से एक हैं। इसलिए राम मंदिर क्यों नहीं बनना चाहिए? जेडीयू के महासचिव ने कहा, ”राम मंदिर बनता है तो ये संदेश जाएगा कि ये देश व्यवहार और शिष्टाचार के उच्चतम मूल्यों में राम से जुड़ाव महसूस करता है। इसके साथ ही पवन वर्मा ने राम मंदिर का विरोध कर रहे लोगों से भी अपनी जिद्द छोड़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, ” जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं यह उनके फायदे में नहीं है।

राम मंदिर पर सहमत होना उनके हित, राष्ट्रहित और करोड़ों हिंदुओं के हित में है। पवन वर्मा का कहना है कि इस मुद्दे का हल निकाला जाना चाहिए और विवाद को भूल जाना चाहिए। अब वक्त आ गया है कि ये विवाद रुके और इसपर पूर्ण विराम लगे। अयोध्या विवाद पर पवन वर्मा का ताजा रुख जेडीयू के पुराने रुख से मेल नहीं खाता है। जेडीयू कभी भी खुलकर राम मंदिर के निर्माण का समर्थन नहीं किया, लेकिन पवन वर्मा का बयान नए विवाद को जन्म दे सकता है। आपको बता दें कि अयोध्या का विवाद बीते करीब 70 साल से कोर्ट में विचाराधीन है। इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इससे पहले 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था।

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