पटना : 1977 में कांग्रेस पार्टी ने अपातकाल लाया था और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था वहां लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने बिहार से गुजरात तक सत्ता परिवर्तन करने में अग्रणी भूमिका निभाया। उस समय लालू प्रसाद, सुशील कुमार मोदी एवं रविशंकर जैसे छात्र नेताओं ने आन्दोलन के अग्रणी रहे। लेकिन दुर्भाग्य है कि सत्ता परिवर्तन करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण के शिष्य लालू प्रसाद भ्रष्टाचार और घोटालों में बिहार को धकेल दिया। ये बातें आज विद्यापति भवन में लालू लीला पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद नित्यानंद राय ने कही।
उन्होंने कहा कि लालू लीला पुस्तक प्रभात प्रकाशन को भी मैं धन्यवाद देता हॅू कि इस तरह का पुस्तकें छापने के बाद नौजवान को भ्रष्टाचार का पोल खोलने में कारगर साबित होगी। आने वाले पीढ़ी जो भ्रष्टाचार में शामिल होगे इस तरह के लेखनी द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को दर्शाया जायेगा, क्योंकि अब राजनीतिक में भ्रष्टाचार की जगह कम रह गया है। अब इस तरह का जो लोग भ्रष्टाचार करेंगे वे जेल जायेंगे। लालृ प्रसाद के शासनकाल में बिहार में सभी विभागों में घोटाला किया। अलकतरा से लेकर चारा तक घोटाला किया गया।
इनके शासन मे बाढ़ घोटाला भी सबसे बड़ा घोटाला था जहां बच्चे बाढ़ से त्रस्त होकर बिना अन्न-जल के रोते थे और यह केवल पटना में रहकर फरमान जारी करते थे। गरीबों के पसीइना की कमाई और गरीबों के आह से लालू जी जेल में हैं। कांग्रेस ने अंग्रेज के पथ पर चला और समाज को तोड़ा उसी तरह लालू प्रसाद ने समाज को तोडऩे का काम किया। उन्होंने 1990 में भूरा बाल साफ करने का नारा देकर एक सभ्य समाज को अपमानित करने का काम किया। जहां गांधी मैदान में लवकुश का कार्यक्रम चल रहा था वह अतिपिछड़ा समाज को भी गाली देने का काम किया। लाठी घुमावन और तेल पिलावन रैली में यादव को भी अपमानित करने का काम किया। समाज में तीन न्यायालय है भगवान, गरीब की आह इससे कोई नहीं बच सकता।