नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और हरियाणा में जलने वाले पराली के निस्तारण पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों, उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठक की। इस बैठक में विशेषज्ञों ने पराली को व्यवहारिक रूप से निपटाने की तकनीक बताई। साथ ही इस दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि पराली के निस्तारण से किसानों का आर्थिक लाभ भी हो सकता है।
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में जलने वाले पराली से पिछले कुछ सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अक्टूबर और नवंबर में बढ़ा है। इस समस्या की पहचान कुछ साल पहले हो गई थी लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकला।
उधर, बैठकों के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि पराली को सीएनजी में बदलना तकनीकी रूप से और व्यावसायिक रूप से संभव है। यह किसानों को रोजगार, अतिरिक्त आय प्रदान करेगा और प्रदूषण की हमारी वार्षिक समस्या का समाधान करेगा। हालांकि, इसके लिए सभी सरकारों को एक साथ आने और इस पर काम करने की आवश्यकता है।
रोजगार सृजन की संभावना
केजरीवाल ने बताया कि विशेषज्ञों का कहना है कि न केवल आर्थिक रूप से बल्कि व्यवहारिक रूप से भी पराली को निपटाने का पारिस्थितिकी अनुकूल साधन है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की भी संभावना है। सभी राज्य सरकारों और केंद्र को उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए कि अगले साल इस तरह की पर्यावरणीय आपदा दोहराया नहीं जाए।
भूसा किसानों के लिए लाभकारी
विशेषज्ञों ने बताया कि पराली को जलाने पर रोक लगाने का एकमात्र तरीका धान के भूसे को व्यावसायिक रूप से निपटाने की प्रक्रियाएं विकसित करना है। एक उद्यमी ने कहा कि पराली को पर्यावरण के अनुकूल निपटाना किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी बनाया जाना चाहिए, उन्हें स्टॉप बर्निंग का उपयोग करने के लिए तभी प्रोत्साहित किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए सरकार की ओर से उन उद्योगों का प्रोत्साहित किया जाए, जो ऊर्जा पैदा करने के लिए पराली का उपयोग कर सकते हैं।
अपशिष्टों से बन सकता जैव ईंधन
विशेषज्ञों और मुख्यमंत्री के बीच हुई चर्चा में यह निकल कर आया कि पराली या कृषि अपशिष्टों को जैव ईंधन में बदला जा सकता है। अपने उच्च कैलोरी मान और स्थायित्व के साथ यह एक प्रभावी आर्थिक मॉडल भी हो सकता है। उपरोक्त दोनों समाधान परीक्षण पर निर्भर हैं। जिससे उद्यमियों को आमदनी भी होगी। तीसरे मॉडल में फाइल फोल्डर से लेकर पेपर प्लेटों तक के विभिन्न घरेलू और स्टेशनरी आइटमों के उत्पादन के लिए पेपर पल्प में पराली को शामिल किया जा सकता है।