नई दिल्ली : उच्च शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि एक बच्चे को पढ़ने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। पिछले चार साल के अंदर दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया है उसके बारे में चारों तरफ खूब चर्चा है। आज हम उस स्थान पर खड़े हैं कि हम यह कह सकते हैं दिल्ली में किसी भी बच्चे को पैसे की वजह से अपनी शिक्षा छोड़नी नहीं पड़ेगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में शुक्रवार को हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन हासिल करने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप का चेक देने के दौरान कही। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
केजरीवाल ने कहा कि अब हमने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि दिल्ली में पैदा होने वाला कोई भी बच्चा पैसे की कमी की वजह से अच्छी पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगा। दिल्ली के हर माता-पिता को मैं भरोसा दिलाता हूं कि आपके बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी मेरी है, आप पैसे की बिल्कुल चिंता मत करना। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12वीं तक की शिक्षा बिल्कुल मुफ्त है। पहली सरकारी स्कूलों का बुरा हाल था लेकिन अब ये स्कूल बहुत अच्छे हो गए हैं।
आलम यह है कि अभिभावक भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं। 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए एक तरफ हम गरीब या मीडिल क्लास छात्रों को स्कॉलरशिप भी दे रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ 10 लाख तक का लोन छात्रों को दिल्ली सरकार दे रही है। इसमें कुछ भी गिरवी या गारंटी रखने की जरूरत नहीं है। छात्र पढ़ाई पूरी कर 15 साल में आसान किस्तों में उस लोन को आसानी से चुका सकते हैं।
‘जरूरत पड़ने पर उच्च शिक्षा की स्कॉलरशिप 100 करोड़ तक’
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि दिल्ली का कोई बच्चा पैसे की कमी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े। केजरीवाल सरकार भविष्य में जरूरत पड़ने पर उच्च शिक्षा की स्कॉलरशिप 100 करोड़ रुपए तक भी करेगी। उच्च शिक्षा की दिशा में हमने काफी काम किए हैं। पिछले साढ़े चार साल के भीतर हमने कई कॉलेजों में सीटें बढ़ाई हैं।
मुख्यमंत्री जी का निर्देश है कि 12वीं में 60 फीसदी अंक पाने वाले बच्चों को भी कॉलेज में एडमिशन मिलना संभव हो सके। ये हमारी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2015 में एनएसआईटीयू में 1000 सीटें थीं, जो अब बढ़कर 1700 हो गई हैं। इसी तरह आईजीडीटीयूडब्ल्यू में सीटें 600 से बढ़कर 1000 हो गई हैं। आईआईआईटी और डीटीयू में सीटों की संख्या दोगुनी हो चुकी है।
सीएम के ट्वीट पर तिवारी का पलटवार
दिल्ली सचिवालय में स्कॉलरशिप कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल के ट्वीट को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 2018-19 शैक्षणिक सत्र में दोबारा दाखिला न पाने वाले छात्रों का हवाला देकर पूछा कि आखिर इन बच्चों का क्या कसूर था। इसके बाद ट्विटर पर अनेक लोगों ने रिप्लाई किया। केजरीवाल ने स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बाद ट्वीट किया कि, ‘अब दिल्ली में हमने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि दिल्ली में पैदा होने वाला कोई भी बच्चा पैसे की कमी की वजह से अच्छी पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगा। दिल्ली के हर माता-पिता को मैं भरोसा दिलाता हूं।
आपके बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी मेरी है। आप पैसे की बिल्कुल चिंता ना करना। इस पर पलटवार करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने रिप्लाई किया कि,’तो मुख्यमंत्री जी इन बच्चों का क्या कसूर था, इन्हें क्यों छोड़ दिया आप ने, सच भी बोला करो कभी। तिवारी ने 31 जनवरी की एक आरटीआई का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2018-19 के शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में फेल हुए अनेक बच्चों को दोबारा दाखिला देने से इंकार कर दिया।
आरटीआई के अनुसार नौवीं कक्षा के 52, दसवीं कक्षा के 91, 11वीं कक्षा के 58 और 12वीं कक्षा के 91 फीसद बच्चों को स्कूलों में दाखिला देने से इंकार कर दिया गया था।