दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सोमनाथ भारती और राखी बिड़लान को 2014 में रेल भवन के बाहर धरना-प्रदर्शन के मामले में शनिवार को आरोपमुक्त कर दिया। उनपर कथित रूप से निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करने और जन सेवकों के काम में बाधा डालने के आरोप थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने आम आदमी पार्टी के विधायकों की याचिका पर फैसला सुनाया। इस याचिका में आप विधायकों ने मजिस्ट्रेट अदालत के पांच जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके बाद उनके खिलाफ आरोप तय किेए गए और सुनवाई का रास्ता साफ हुआ।
सत्र अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ सुनवाई शुरू करने के लिये पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिवक्ता मोहम्म इरशाद द्वारा दायर याचिकाओं में आप नेताओं ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में त्रुटियां हैं।
निचली अदालत ने पांच जुलाई को आरोपियों खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं।
हालांकि निचली अदालत ने आप नेता संजय सिंह और पूर्व नेता आशुतोष को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया था कि अपराध में इनके शामिल होने के संबंध में सबूत मौजूद नहीं हैं। अदालत ने सभी छह आरोपियों को जमानत दे दी थी।
केजरीवाल और अन्य नेताओं ने 20 जनवरी 2014 को दक्षिण दिल्ली में कथित ड्रग तथा वैश्यावृत्ति रैकेट पर छापा मारने से इनकार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए रेल भवन के बाहर धरना दिया था।
पुलिस ने आरोप पत्र में दावा किया था कि सहायक पुलिस आयुक्त ने 19 जनवरी 2014 को रेल भवन तथा संसद भवन के निकट नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, विजय चौक इलाकों में निषेधाज्ञा लगाने का आदेश दिया था। इसके अगले दिन ही आम आदमी पार्टी के नेता निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर वहां जमा हो गए थे।