उन्नाव और कठुआ में हुए रेप केस से पुरे देश के लोगो में गुस्सा भरा हुआ है। पूरा देश उन दो मासूमो के लिए न्याय की दुआ कर रहा है। इन रेप की दो अलग अलग घटनाओं के खिलाफ कांग्रेस ने गुरुवार देर रात दिल्ली के इंडिया गेट के पास एक बड़ा कैंडल मार्च निकाला। रेप की घटनाओं के विरोध में दिल्ली के मानसिंह रोड से इंडिया गेट के बीच निकाले गए इस कैंडल मार्च में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी समेत तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं।
राहुल गांधी ने इन आपराधिक मामलों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सिस्टम की असंवेदनशीलता पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने उन्नाव केस में बीजेपी सरकार को असंवेदनशील कहा तो पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। इससे पहले, राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा कि इन घटनाओं पर लाखों भारतीयों की तरह मेरा दिल भी दुखी हुआ है। हम महिलाओं को इस हाल में नहीं छोड़ सकते। आइए शांति और इंसाफ के लिए इंडिया गेट पर कैंडल मार्च में हिस्सा लें।
राहुल की इस अपील पर आधी रात को इंडिया गेट पर युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान जब पुलिस ने कांग्रेसी नेताओं को रोकने की कोशिश की तो प्रियंका गांधी राजपथ की सड़क पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गईं। धरने के बीच तमाम कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बनने के बाद प्रियंका ने वहां मौजूद कुछ पार्टी नेताओं को फटकार भी लगाई। इसके बाद भी कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ पार्टी का मार्च जारी रहा। इस दौरान पुलिस ने जब अन्य कांग्रेसी नेताओं को रोकने की कोशिश की तो पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच झड़प भी हुई।
इसी बीच कुछ कांग्रेसी नेताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को हटाने की भी कोशिश की, लेकिन जब ऐसा ना हो सका तो राहुल खुद भी बैरिकेड पर चढ़ गए। इसके बाद एसपीजी जवानों ने काफी मशक्कत के बाद राहुल को समर्थकों के बीच से बाहर निकाला। राहुल गांधी ने कठुआ गैंगरेप का जिक्र करते हुए कहा था कि कैसे कोई व्यक्ति दोषियों को बचाने की मांग कर सकता है। राहुल ने ट्वीट कर कहा था, ‘उन्हें सजा दिए बिना छोड़ा नहीं जा सकता है।’ राहुल गांधी ने इस संबंध में की जा रही राजनीति की भी जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह का पाप करने वाले दोषियों को कोई कैसे संरक्षण कर सकता है।’ बता दें कि बक्करवाल समुदाय की एक बच्ची जम्मू कश्मीर के कठुआ में रासना गांव स्थित अपने घर के पास से 10 जनवरी को लापता हो गई थी। एक हफ्ते बाद उसी इलाके में उसका शव मिला था। घटना की जांच के लिए गठित एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने दो विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) और एक हेड कांस्टेबल सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पुलिसकर्मियों पर साक्ष्य नष्ट करने का आरोप है।
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