नयी दिल्ली : अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज लोकसभा को बताया कि उनके मंत्रालय को कर्नाटक राज्य में लिंगायत समुदाय को पृथक या स्वतंत्र धर्म का दर्जा प्रदान किये जाने के बारे में वहां की राज्य सरकार से कोई अभ्यावेदन प्राप्त नहीं हुआ है। नकवी ने कहा कि लिंगायत को एक धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देने के बारे में मंत्रालय को 26 मार्च 2018 को कर्नाटक सरकार से एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है ।
लोकसभा में नलिन कुमार कटील के प्रश्न के लिखित उत्तर में नकवी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने भारत के महापंजीयक की 14 नवंबर 2013 की टिप्पणियों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भेजा था कि वीरशैव लिंगायत हिन्दुओं का ही एक मत है और कोई स्वतंत्र धर्म नहीं है । भारत के महापंजीयक ने जनगणना 2011 के दौरान वीरशैव लिंगायत को अलग से कोई कोड नहीं दिया। मंत्री ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि अगर वीरशैव लिंगायत को हिन्दुओं से अलग से कोई कोड प्रदान करते हुए एक पृथक धर्म समझा जाता है तो उस मत को मानने वाली अनुसूचित जातियां अपना संवैधानिक दर्जा खो देंगी ।
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