नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की हजारों छात्राओं ने यौन उत्पीड़न मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को हस्ताक्षर कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। दरअसल जेएनयू की छात्राओं का आरोप है कि प्रोफेसर अतुल जौहरी मामले में विवि प्रशासन और आईआईसी की जांच रिपोर्ट जो आई है उसपर कई सवाल उठ रहे हैं।
छात्राओं का अरोप है कि जेएनयू कैंपस में आईआईसी होने के बावजूद छात्राएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसी को लेकर यूनिवर्सिटी की करीब 1500 छात्राओं ने राष्ट्रपति को यौन उत्पीड़न आरोपी अतुल जौहरी मामले को लेकर हस्ताक्षेप करने की मांग की है। इसको लेकर छात्रों ने राष्ट्रपति को एक याचिका भेजी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जेएनयू छात्र संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरशन द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में सर्वे किया गया था। जिसमें में यह पूछा गया था कि आईआईसी की जांच को लेकर छात्राएं कितनी संतुष्ट है। जिसमें ज्यादातर छात्राओं ने आईआईसी की जांच पर सवाल उठाया। इसी को लेकर छात्राओं द्वारा राष्ट्रपति के पास एक याचिका भेजी गई है। इस बारे में जेएनयू के पूर्व सचिव सुभांशु सिंह ने बताया कि हाल ही में आईआईसी ने यौन उत्पीड़न आरोपी अतुल जौहरी को क्लीन चीट दे दी।
साथ ही प्रो. को सुरक्षा देने की बात कही। वहीं पीड़िता पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जबकि प्रोफेसर के खिलाफ नौ लड़कियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। इसके बाद भी अतुल जौहरी के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाए आईआईसी प्रो. को संरक्षण दे रही है।