दक्षिणी दिल्ली : जेएनयू में हाजिरी अनिवार्य को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वैसे तो जेएनयू और विवादों का चोली दामन का साथ रहा है। लेकिन यह पहली बार नहीं है कि छात्र प्रशासन के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है। वहीं पिछले करीब एक माह से चला आ रहा हाजिरी अनिवार्य मामले को सुलझाने के लिए प्रशासन ने गुरुवार को शिक्षकसंघ को बुलाया था। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रशासन ने जेएनयू छात्रसंघ ने अध्यक्ष और सचिव को मिलने के लिए बुलाया था। इस बैठक को लेकर जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि प्रशासन को विभिन्न मुद्दों को लेकर छह पेजों का ज्ञापन भी वीसी को दिया है। इस दौरान छात्रों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीसी छात्रसंघ की बात ही नहीं सुना चाहते थे।
बैठक में छात्रसंघ ने लाइब्रेरी, जीएसकैश, ढाबा, सीट कट, हॉस्टल, अकादमिक परिषद(एसी) की बैठक को तत्काल बुलाने आदि की मांग की। वहीं इस पूरी बैठक को लेकर जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि मीटिंग के दौरान रेक्टर ने कहा कि एसी सदस्यों द्वारा लिया गया फैसला अंतिम नहीं होता। सिर्फ वीसी को ही अध्यक्ष के तौर पर निर्णय लेने का अंतिम अधिकार है। छात्रसंघ ने कहा कि इसे साफ मालूम होता है कि वीसी एसी के नाम पर अपना एजेंडा लागू करना चाहता है। जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव शुभांशु सिंह ने कहा कि जब छात्रों ने प्रशासन को बताया कि हाजिरी अनिवार्य के नाम पर फेलोशिप को निशाना बनाया जा रहा है।
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