जेएनयू प्रशासन और छात्रसंघ एक बार फिर आमने-सामने - Punjab Kesari
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जेएनयू प्रशासन और छात्रसंघ एक बार फिर आमने-सामने

जेएनयू प्रशासन ने सोमवार को प्रेस वार्ता करते हुए गत दिनों जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा

नई दिल्ली : जेएनयू प्रशासन और छात्र संघ एक बार फिर आमने-सामने हैं। जेएनयू प्रशासन ने सोमवार को प्रेस वार्ता करते हुए गत दिनों जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा मीडिया को दी गई जानकारियों को भ्रम फैलाने की बात कही है। वहीं जेएनयू के रेक्टर वन चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि वर्तमान छात्र संघ को तब तक अवैध करार दिया है जब तक प्रशासन की ओर से उसे नोटिफिकेशन नहीं किया जाता है।

प्रशासन का तर्क है कि अभी तक छात्रसंघ के पदाधिकारियों ने अपने खर्चे का ब्योरा जीएसटी बिल के साथ नहीं दिया है। हमने इस संबंध में कई बार उन्हें सूचना भेजी है। वहीं जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साई बालाजी ने प्रशासन के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाइस चांसलर को चुनौती दी है कि अगर मौजूदा छात्र संघ अवैध है तो इसे दो दिनों के भीतर भंग कर दे।

उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा वो नहीं कर सकते हैं तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देनी चाहिए। वहीं अकादमिक परिषद की बैठक में छात्र संघ की तरफ से कौन नेतृत्व करेगा पूछे गए प्रश्न का जवाब देने हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में छात्र विशिष्ट अतिथि के तौर पर बुलाए जाते हैं।

हाजिरी मामले में पीछे नहीं हटेंगे…
जेएनयू प्रशासन शिक्षक समेत स्टाफ की हाजिरी लगाने के फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है। महापात्रा ने कहा कि हाजिरी वाइस चांसलर भी लगाएंगे। इसका पालन सभी को करना होगा। कुछ शिक्षक प्रशासन को बिना बताए यूनिवर्सिटी से चले जाते हैं। वहीं कुछ शिक्षक क्लास रूम में भी नहीं जाते हैं। इस तरह की शिकायतें स्टूडेंट्स की ओर से आई थी। यूजीसी की ओर से दी गई गाइड लाइन के अनुसार 5 घंटे यूनिवर्सिटी व कॉलेज में रहना अनिवार्य है। इसे ध्यान में रखते हुए एसी में सभी टीचर्स एंड स्टाफ की हाजिरी लगाने का निर्णय लिया गया है।

कंप्यूटर आधारित परीक्षा होगी…
जेएनयू में मई 2019 के अंत में स्नातक, पीजी, एमफिल एवं पीएचडी कोर्स की देश के 54 से ज्यादा शहरों में कंप्यूटर आधारित परीक्षा होगी। इन सभी कोर्स में 100 अंक की यह परीक्षा होगी। इसमें स्नातक एवं पीजी कोर्स में कम्‍प्‍यूटर के माउस के जरिए एक सवाल के चार जवाबों में से एक सही जवाब पर क्लिक करना होगा। ऐसा ही एमफिल एवं पीएचडी की परीक्षा में होगा। लेकिन एमफिल एवं पीएचडी के दाखिले के लिए 100 अंक की कंप्यूटर आधारित परीक्षा में से 70 फीसद अंक ही गिने जाएंगे। 30 फीसदी अंक के लिए एमफिल एवं पीएचडी छात्रों के उम्मीदवारों का वाइवा यानी साक्षात्कार लिया जाएगा।

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