राज्यपाल ने कहा कि सदन के समक्ष कोई विधेयक लाया जाये, तो उसके प्रारूप को वे गंभीरतापूर्वक अध्ययन एवं उस पर मन्थन करें। इसके लागू होने से जनता पर पड़ने वाले प्रभाव का चिन्तन करें तभी जनता के प्रति कर्तव्यों का बेहतर तरीके से निर्वहन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सदन में बेहतर ढंग से वाद-विवाद हो, सबकी बात सुनी जाये। सदस्य सदन के समक्ष जनहित में तथ्यपरक विषय लायें। सूचना तकनीक के इस युग में जनता अपने प्रतिनिधि का सदन में आचरण का आकलन करती है।
वह न केवल विधायक द्वारा किये गये प्रश्न को गंभीरतापूर्वक सुनती है बल्कि सरकार का उस पर क्या विचार है, ये भी जानने को ललायित रहती है। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सरकार से यदि जनहित की कोई बात छूट जाये तो विपक्ष को इस ओर प्रभावी रूप से ध्यान दिलाना चाहिये लेकिन इस क्रम में सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे, यह भी ध्यान रखना आवश्यक है।
विपक्ष विरोध करने के लिए विरोध न करें, अपनी रचनात्मक भूमिका निभायें। स्वयं के प्रति ईमानदार रहें। उन्होंने इस वर्ष उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से सम्मानित मेनका सरदार को बधाई देते हुये कहा कि उत्कृष्ट विधायक के रूप में चयनित होने पर उनसे जनता को अपेक्षायें और बढ़ जाती है, यह सदा ध्यान रखें। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड विधानसभा की गणना देश में आदर्श विधानसभा के रूप में हो, इसके लिए विधानसभा के प्रत्येक सदस्य को अपनी सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है ताकि राज्य की जनता के दु:ख-दर्द को दूर करके एक समृद्ध और गौरवशाली राज्य का निर्माण किया जा सके।