भारत की विकास दुनिया को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान पर जा पहुंची है : माधव आनंद - Punjab Kesari
Girl in a jacket

भारत की विकास दुनिया को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान पर जा पहुंची है : माधव आनंद

वित्तीय वर्ष 2011-12 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के अनुपात में 5.9 प्रतिशत हो गया था तथा विकास दर

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा आर्थिक विकास हेतु किये जा रहे कार्यों के बदौलत चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देष की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़कर उच्च मुकाम पर पहुंच गई है। भारत की विकास दर चीन को भी पीछे छोड़ते हुए दुनिया के सभी देशों के मुकाबले सबसे तेज गति से बढ़ते हुए प्रथम पायदान पर जा पहुंची है। यह विकास दर कृषि,

कंस्ट्रक्षन एवं विनिर्माण क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गये सुधार एवं राजकोषीय अनुशासन का सुपरिणाम है। इतना ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था फ्रांस को पछाड़ते हुए चार वर्षों में दसवें पायदान से दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। जो इस साल के अंत तक ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था से भी आगे निकलकर पाचवें पायदान पर पहुंच जायेगी। इसके लिये देश के प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री बधाई के पात्र हैं।

जनकल्याणकारी योजनाओं, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य एवं शौचालय के निर्माण पर मुक्तहस्त बड़ी मात्रा में राशि व्यय करने के उपरांत भी राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2017-18 में अनुमान के अनुरूप जीडीपी का 3.53 प्रतिशत रहा, जो इस साल 3.3 प्रतिशत के स्तर पर आ जायेगा तथा राजस्व घाटा जीडीपी का 2.65 प्रतिशत रहा । जबकि यूपीए के शासनकाल में वित्तीय वर्ष 2011-12 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के अनुपात में 5.9 प्रतिशत हो गया था तथा विकास दर अंतिम वित्तीय वर्ष में घटकर 4.9 प्रतिशत हो गई थी ।

मोदी सरकार ने जहां राजकोषीय घाटे को काबू में रखा वहीं चालू खाते के घाटे के प्रबंधन में भी शानदार प्रदर्शन किया है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में जहां चालू खाते का घाटा जीडीपी का 4.8 प्रतिशत था जो एक रिकार्ड है, वहीं मोदी सरकार ने इसे घटाकर 2016-17 में 0.17 प्रतिशत के स्तर पर लाने का काम किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।