: हिन्दुस्तानी अवाम मोचा-से. के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मॉंझी ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चों के साथ यौन शोषण मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा राज्य सरकार की लापरवाही को देखते हुए दी गई तलक टिप्पणी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार अपने कर्तव्य निर्वहन में हुई चूक की सारी जवाबदेही लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है।
श्री मांझी ने कहा कि शेल्टर होम मैं बच्चियों के साथ ही दुष्कर्म एवं एक बच्ची की मृत्यु होने के क्रम में जो धारा प्रशासन की ओर से केस को दबाने हेतु बड़ी ही चतुराई से सरकार के इशारे पर दोषियों को बचाने के लिए यह धारा लगाई गई है। श्री मांझी ने कहा कि शेल्टर होम में जो घटना जो बड़ी घटना थी। शेल्टर होम की घटना को प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के इशारे पर प्रशासन ने इस घटना को एक छोटा मोटा मारपीट का मामला बना दिया। जबकि यह मामला पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत केश दर्ज होना चाहिए था।
श्री मांझी ने कहा कि एक बच्चे के गला पर तीन इंच का दाग है वहॉं धारा 325 के अंतर्गत नहीं लगाई गई। 17 सेल्टर होम के बच्चे के लिए गंभीर चिंता का विषय में चिन्हित किया गया। जिसमें 5 अच्छे मानकों की बनाय रखने के लिए सराहना की गई और 9 बालगृहों में यौन शोषण की बात कही गई। उसमें केवल 5 पर ही एफआईआर दर्ज किया गया। इस सब टिप्पणी से स्पष्ट है की सरकार ने अपनी जानकारी में दोषी को बचाने का पूरा प्रयास किया गया है। श्री मांझी ने कहा कि नितिश सरकार का पोल खुल गया है। इन्हें जरा भी नैतिकता शेष बची हो तो अपने मुख्यमंत्री पद से अभिलंब इस्तीफा दें।