हाईकोर्ट ने एक संदिग्ध आतंकी की जमानत याचिका की खारिज - Punjab Kesari
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हाईकोर्ट ने एक संदिग्ध आतंकी की जमानत याचिका की खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक संदिग्ध आतंकी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले में

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक संदिग्ध आतंकी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल व जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने गुलाम मो. भट्ट नाम के शख्स की अपील खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का साफ कहना है कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के प्रावधानों में दर्ज मामले में अदालत को आरोपी पर लगाए आरोपों में जरा सी भी सच्चाई लगे तो वह उसे जमानत देने से इंकार कर सकती है। 
आरोपी की जमानत याचिका को निचली अदालत ने तीन बार खारिज किया। आरोपी के अनुसार वह 8 साल से अर्जी लगाकर जमानत मांग रहा है। हाईकोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि संबंधित मामले में दो सह-आरोपी अपना गुनाह कबूल कर चुके हैं और उन्हें सजा भी सुना दी गई है और आरोपी के टेरर फंडिंग का पेशेवर अपराधी होने का एनआईए दावा कर रही है। श्रीनगर से भट्ट को दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से साल 2011 में गिरफ्तार किया था। 60 साल से भी ज्यादा उम्र के भट्ट ने पहली बार साल 2012 में, दूसरी बार साल 2015 में और तीसरी बार साल 2018 में अदालत से मामले में जमानत लेने की कोशिश की है। 
उसने निचली अदालत के बीते साल 2 नवंबर के संबंधित आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में यह अपील दायर की थी। अभियोजन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली पुलिस को दिसंबर 2010 में दो संदिग्ध नंबरों के हवाला के जरिए पैसों के लेनदेन के लिए इस्तेमाल होने की सूचना मिली थी। जांच एजेंसी के मुताबिक उसने भट्ट को उस पैसे के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

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