नई दिल्ली : मुख्यमंत्री आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई घटना के बाद दिल्ली में विरोध-प्रदर्शनों की बाढ़ आ गई है। गुरुवार को राजनीतिक दल, दिल्ली सरकार के मंत्री, अधिकारी सहित सभी विभागों के कर्मचारी विरोध-प्रदर्शनों में शामिल हुए। हालांकि सभी की मांगे और मुद्दे अलग-अलग थे। लेकिन एक ही दिन विरोध-प्रदर्शन करने से दिल्लीवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गुरुवार को दिल्ली सरकार के आॅफिसों में जहां काम प्रभावित हुआ वहीं लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ी। दरअसल, गुरुवार को समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं का कहना था कि तमाम सबूत देने के बावजूद दिल्ली पुिलस अिधकािरयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
इससे पहले सभी उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन से पहले एकत्रित हुए। जब यह सभी विरोध प्रदर्शन करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास के तरफ बड़े, उसी दौरान रास्ते में ही पुलिस ने इन्हें रोक लिया और गिरफ्तार कर तुगलकाबाद पुलिस स्टेशन ले आए। इनके साथ अन्य आप कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया। इस मौके पर मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि दिल्ली में कानून का शासन नहीं है। यहां केंद्र सरकार के इशारे पर कानून को तोड़ा जा रहा है। हम लोग अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने आए थे लेकिन केंद्र के दबाव में हमें विरोध प्रदर्शन करने भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि क्या हमें प्रदर्शन करने का भी अधिकार नहीं है। वहीं पुलिस थाने के बाहर भी आप के विधायक व पूर्व विधायक प्रदर्शन करते रहे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन करने के लिए उन्हें रोका गया था। लेिकन वे आगे बढ़ते रहे जिसके कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। वहीं मुख्य सचिव के साथ हुई बदसलूकी के विरोध में गुरुवार को दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य ने दिल्ली सचिवालय में पांच मिनट का मौन रखा। इसके बाद कर्मचारियों ने अवकाश काल में विरोध प्रदर्शन करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जबतक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में कानूनी कार्रवाई व सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेेगा।
इस संबंध में दास कैडर एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएन दास ने कहा कि दिल्ली सरकार में जब अधिकारी ही सुरक्षित नहीं है तो कर्मचारी की कैसे सुरक्षा होगी। इस मामले में सभी कर्मचारियों ने फैसला लिया है कि जबतक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करते, ऐसे मामलों का स्थायी समाधान नहीं निकालते तब तक दिल्ली सचिवालय के अलावा सभी जिला कार्यालायों में अधिकारी कर्मचारी लंच टाइम में पांच मिनट का मौन रखकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
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