नई दिल्ली: दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) को राजधानी में रूट रैसनलाइजेशन और लास्ट माइल कनेक्टिविटी की स्टडी करने की जिम्मेदारी सौंपी है। डिम्टस 6 माह में यह रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इस स्टडी से संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार के इस कदम से दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जा सकेगा, जिससे लोगों की यात्रा संबंधी बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इतना ही नहीं इस रूट रेशनलाइजेशन से बसों, ग्रामीण सेवा और आरटीवी सेवाओं के ठीक से काम न करने की शिकायतों का समाधान करने में भी मदद मिलेगी। वहीं, बसों की कम आवाजाही, कम इलाकों में पहुंच, भीड़भाड़ इत्यादि की समस्याएं भी इससे सुलझ सकेंगी। इससे लोगों को भी सहूलियत होगी और सेवाएं भी बेहतर हो सकेंगी। इस स्टडी और तैयार डाटाबेस से नीति निर्माताओं को लोगों की जरूरतें समझने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने बताया कि इस स्टडी में डीटीसी, कलस्टर,आरटीवी, ग्रामीण सेवा और डीएमआरसी फीडर बस सिस्टम, चार्टर्ड बसों के सभी रूट्स को शामिल किया जाएगा।
साथ ही इलेक्ट्रिक रिक्शा के संचालन का एक खाका भी इस स्टडी में शामिल होगा। डीआईएमटीएस स्टैंडर्ड बस, ग्रामीण सेवा, आरटीवी इत्यादि जैसे यातायात के साधनों की प्लानिंग के अतिरिक्त प्रत्येक परिवार का ट्रैवल सर्वे भी करेगा। डीआईएमटीएस नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम व बहादुरगढ़ से दिल्ली की आवाजाही को समझने के लिए वर्क प्लेस सर्वे करेगा। यह सर्वे 6 महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।
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