CBSE बोर्ड ने पासिंग मार्क्स में बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड ने कक्षा 10 के वर्तमान बैच के लिए 33 प्रतिशत ओवरऑल पासिंग मार्क्स का नियम तय किया है। इसमें इंटरनल एसेसमेंट और थियोरी के अंक भी शामिल होंगे। बोर्ड का यह निर्णय केवल इसी बैच के लिए मान्य होगा। इसे इसलिए लागू किया गया क्योंकि यह बैच एक अलग मूल्यांकन प्रक्रिया से होकर गुजरा है। कक्षा 9 में इनके लिए CCE लागू था। ऐसे में उत्तीर्ण अंक में रियायत उन्हें दी गई।
बोर्ड के इस आदेश के अनुसार छात्र को आंतरिक मूल्यांकन और थ्योरी में कुल 33 फीसद अंक लाने होंगे। यह नियम उन अतिरिक्त विषयों के लिए भी लागू है जिसमें आंतरिक मूल्यांकन और थ्योरी की व्यवस्था है। हालांकि व्यावसायिक विषयों के लिए आंतरिक मूल्यांकन 50 अंक का होता है। ऐसे में छात्रों को पास होने के लिए आंतरिक और बोर्ड परीक्षा दोनों में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना होगा। बता दें कि सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 से कक्षा 10 बोर्ड की परीक्षा बहाल करने की घोषणा की थी।
सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार, वर्तमान में छात्रों को आंतरिक व बाह्य परीक्षा दोनों उत्तीर्ण करना जरूरी है। यह आमतौर पर विषयानुसार विभाजित किया गया है। दसवीं कक्षा के अधिकांश विषयों के लिए यह विभाजन 80 और 20 का है। जहां 80 अंक थ्योरी और 20 आंतरिक मूल्यांकन के हैं। नियमानुसार छात्रों को 33 प्रतिशत बाह्य परीक्षा और इतने ही अंक आंतरिक परीक्षा में लाने होते हैं। इसके बाद छात्रों का पास होना आसान होगा। बोर्ड ने कुछ दिन पहले ही बोर्ड परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किया था। छात्र अपने स्कूल से एडमिट कार्ड ले सकते हैं। बोर्ड ने प्री-बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी एडमिट कार्ड देने की बात कही थी।
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