नई दिल्ली: कालिंदी कुंज डिपो में मंगलवार को हुए मेट्रो हादसे के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने एक डिप्टी जनरल मैनेजर सहित चार लोगों को निलंबित कर दिया। डीएमआरसी द्वारा मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में चारों लोगों को बड़ी मनवीय भूल का दोषी पाया है। जिसके अधार पर यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कार्यकारी निदेशक स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी ने इस हादसे को बड़ी मानवीय चूक मानते हुए डिप्टी जनरल मैनेजर स्तर के एक अधिकारी सहित तीन अन्य लोगों को इस हादसे का दोषी पाया। जिनमें एक असिस्टेंट मैनेजर, एक जूनियर इंजीनियर एवं एक असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर शामिल है।
उक्त डिप्टी जनरल मैनेजर कालिंदी कुंज डिपो का इंचार्ज भी था। ये चारों लोग कालिंदी कुंज डिपो में होने वाली सभी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार थे। मंगलवार को इस ट्रेन के डिपो से निकलने से लेकर वॉशिंग रैम्प तक ले जाने के लिए भी उक्त चारों लोग ही जिम्मेदार थे। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में पाया कि इस दौरान उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। ट्रेन को वॉशिंग के लिए रैम्प पर लाने से पहले ब्रेक सिस्टम निष्क्रिय कर दिया गया था। ट्रेन को अपनी पावर द्वारा रैंप पर धोने के लिए लाने से पहले उसके ब्रेक सिस्टम को सक्रिय नहीं किया गया जबकि यह जरूरी था। नतीजतन जैसे ही ऑपरेटर ट्रेन को वॉशिंग रैंप पर लाया, वह वापस पीछे हटनी शुरू हुई और पटरी से उतरकर डिपो की दीवार से टकरा गई।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि डिपो के जिस मैंटेनेंस शैड में यह हादसा हुआ वह एरिया ऑटोमैटिक सिग्नल रहित होता है। यहां ट्रेन अपनी पावर पर नहीं बल्कि शंटर इंजन द्वारा आगे-पीछे ले जाई जाती हैं। वहीं डीएमआरसी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मजेंटा लाइन पर आगामी 25 दिसंबर से चलने वाली ट्रेन ड्राइवर द्वारा चलायी जाएगी। बाद में इसे ड्राइवर लैस करने पर विचार किया जाएगा। इस लाइन पर आधुनिक कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) की तकनीक होगी जिससे ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ेगी हादसों का जोखिम शून्य रह जाएगा।
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