पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के गुर्गे को दिल्ली में गोलियों से भूना - Punjab Kesari
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पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के गुर्गे को दिल्ली में गोलियों से भूना

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नयी दिल्ली/सीवान : सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और उसके विरोधी गुट रईस के बीच चल रहा गैंगवार दिल्ली तक पहुंच गया है। बुधवार शाम दिल्ली के द्वारका इलाके में बाइक से आये रईस गिरोह के तीन सुपारी किलर ने कार से जा रहे शहाबुद्दीन गिरोह के एक सदस्य फिरोज अली (32 वर्ष) पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।  इसके बाद तीनों हमलावरों में से एक कार लेकर फरार हो गया। वहीं भाग रहे अन्य दो हमलावर सबीर हुसैन और अमजद अली को बैरिकेड लगाकर जांच कर रही स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की टीम ने पकड़ लिया। पुलिस को उनके पास से हमले में इस्तेमाल किये गये हथियार भी बरामद हुए। वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने सड़क पर घायल पड़े फिरोज अली को अस्पताल में पहुंचाया, जहां चार गोलियां लगने के कारण उसकी मौत हो गयी। तीनों ही बिहार के सीवान के रहने वाले हैं. पुलिस तीसरे हमलावर की तलाश में जुट गयी है।

द्वारका जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संतोष के मीना ने बताया कि बुधवार शाम करीब सात बजे पुलिस को द्वारका सेक्टर 22 के चौक पर गोलियां चलने की सूचना मिली थी। पता चला था कि बाइक सवार हो आये युवकों ने एक युवक को कार से उतार गोलियां मार दी हैं, साथ ही यह भी जानकारी मिली कि वारदात को अंजाम देकर भाग रहे तीन हमलावरों में से दो को द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन के पास पुलिस ने जांच के दौरान पकड़ लिया है। जांच करने पर जब दिल्ली पुलिस के सामने असलियत आयी तो उनके होश उड़ गये।

जांच में पता चला कि मृत फिरोज के साथ ही गिरफ्तार दोनों आरोपित मूल रूप से बिहार के सीवान के रहने वाले हैं। फिरोज दिल्ली के महिपालपुर में रहकर प्रॉपर्टी का काम करता था, साथ ही यह भी पता चला कि वह तिहाड़ जेल में बंद पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का नजदीकी है। वहीं, पकड़े गये दोनों हमलावर सुपारी किलर हैं और शहाबुद्दीन के विरोधी गिरोह के सरगना रईस के नजदीकी हैं। रईस भी विभिन्न मामलों में बिहार के जेल में बंद है। तीनों उसी के कहने पर अपने साथी संजय, जो फरार हो गया, के साथ दिल्ली फिरोज की हत्या के लिए आये थे।

सूत्रों के अनुसार इस हत्या की साजिश जेल में ही रईस ने रची थी. उसने सुपारी किलर सचिन को फिरोज की हत्या के लिए तीन लाख रुपये की सुपारी दी थी। फिरोज दिल्ली में रहकर तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन के संपर्क में रहकर उसके गिरोह का एक प्रकार से संचालन कर रहा था। शहाबुद्दीन जेल में रहते हुए भी फिरोज के माध्यम से ही बिहार में अपना गिरोह को चला रहा था।

 

 

 

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