कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े अन्नदाता, बॉर्डर पर किसानों ने होलिका दहन के लिए रखी होली - Punjab Kesari
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कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े अन्नदाता, बॉर्डर पर किसानों ने होलिका दहन के लिए रखी होली

पिछले साल केंद्र सरकार लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन

पिछले साल केंद्र सरकार लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच मंगलवार को को वसंत पंचमी के मौके पर गाजीपुर बॉर्डर पर होली के त्योहार को देखते हुए 5 लकड़ी और उबले रखे गए हैं जिससे होलिका दहन किया जाएगा। बॉर्डर पर सुबह हवन किया गया ताकि पर्यावरण में शुद्धि हो, वहीं अब से ठीक सवा महीने बाद होली का त्यौहार देशभर में मनाया जाएगा। ऐसे में बॉर्डर पर बैठे किसान भी होली मनाने की तैयारी कर रहे हैं। 
बॉर्डर पर मौजूद देवी सिंह शामली जिले से आए हैं। उन्होंने बताया, सुबह हम सभी किसानों ने हवन किया ताकि पर्यावरण में शुद्धि हो। वहीं हमने बॉर्डर पर होली का त्योहार मनाने के लिए 5 लकड़ी के टुकड़े रखे हैं और पूजा पाठ कराई है। 
हालांकि होली वसंत ऋतु में मनाया जाता है। और यह त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। यह त्यौहार वसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है। वसंत ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, इसलिए इसे वसंतोत्सव भी कहते हैं। दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं । 

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