नई दिल्ली : दिल्ली की जनता को बिजली बिलों में मिली छूट महज छलावा है, जो कि मात्र 31 मार्च, 2020 तक ही मिलेगी। यह खुलासा दिल्ली सचिवालय के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश भाजपा के महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने किया है। उन्होंने कहा कि न केवल बिजली, बल्कि दिल्ली में पानी, महिलाओं की सुरक्षा, सीसीटीवी, इंटरनेट जैैसी अनेक घोषणाएं जनता से वोट पाने की राजनीति के लिए की गई हैं।
कुलजीत सिंह चहल ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और मुखिया अरविंद केजरीवाल की सरकार ने साढ़े चार वर्षों तक जनता के हित में कोई ठोस कार्य नहीं किया। चुनावी वादों को पूरा नहीं किया गया, लेकिन विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आते देख दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में रेवड़ी बांटनी शुरू कर दी। दिल्ली सरकार पहले नगर निगम और अब लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद खिसकती जमीन को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
इसलिए कभी बिजली तो कभी पानी के बिलों में रियायत देने के नाम पर राजनीति चमकाई जा रही है, लेकिन उसके पीछे की सच्चाई से जनता अभी अनभिज्ञ ही है। प्रदेश महामंत्री चहल ने दिल्ली सचिवालय से गत सात अगस्त को जारी एक आदेश का हवाला देते हुए खुलासा किया है कि 200 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को यह बिल माफी केवल 31 मार्च, 2020 तक ही मिलेगी। इसी तरह 400 यूनिट तक बिजली के बिल आधे करने की छूट भी वित्तीय वर्ष 2019-20 तक ही लागू रहेगी।
इस तरह दिल्ली सरकार चुनाव को ध्यान में रखकर दिल्ली की जनता का केवल वोट पाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि पत्र के अनुसार दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं को दिल्ली सरकार बिजली बिल माफ और आधे करने के नाम पर गुमराह कर रही है। यह सब चुनावी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है। प्रदेश महामंत्री चहल ने कहा कि आने वाले दिनों में केजरीवाल सरकार की बिल माफी की तर्ज पर अन्य योजनाओं की सच्चाई का खुलासा भी वे जल्द करेंगे।