दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाले में लुक आउट नोटिस जारी किए जाने को लेकर रविवार को सियासी घमासान शुरू हो गया। लेकिन इस मुद्दे पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।सीबीआई ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 13 अन्य के खिलाफ लुक आउट नोटिस (एलओसी) जारी किया गया है या नहीं।
सिसोदिया के मामले में ऐसी कोई जानकारी
संपर्क करने पर, संबंधित अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।सूत्रों ने बताया कि जब भी कोई लोक सेवक अधिकारी विदेश जाता है तो उसे संबंधित मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है।सूत्र ने कहा, अगर हमें लगता है कि वह विदेश जाने वाले हैं, तो इसे हम अपनी रिपोर्ट में शामिल करते हैं और विदेश जाने से रोकते हैं। लेकिन सिसोदिया के मामले में हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।
नियमों का उल्लंघन कर नीतिगत नियम बनाए
सीबीआई ने दिल्ली आबकारी पुलिस मामले में अपनी एफआईआर में सिसोदिया को आरोपी नंबर वन बनाया है। सीबीआई ने एफआईआर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 477-ए (खातों का जालसाजी) के तहत दर्ज की है।सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई। लाइसेंस धारकों को उनकी इच्छा के अनुसार विस्तार दिया गया। आबकारी नियमों का उल्लंघन कर नीतिगत नियम बनाए गए थे।