‘समान शैक्षणिक अवसर’ बनेगा मुद्दा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘समान शैक्षणिक अवसर’ बनेगा मुद्दा

एबीवीपी ने बीते दिनों डूसू चुनाव के लिए भूमि पूजन की है वहीं मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र

नई दिल्ली : डूसू चुनाव की बिगुल बज चुकी है। जहां एक तरफ एबीवीपी ने बीते दिनों डूसू चुनाव के लिए भूमि पूजन की है वहीं मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने ‘आवाज उठाओ, सीटी बजाओ’ के जरिए नए तरीके और जोश के साथ चुनावी रण में उतर चुकी है। एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एआईसीसी सचिव व एनएसयूआई प्रभारी रुचि गुप्ता ने कहा कि छात्र समुदाय के सीटी बजाए जाने के रूप में हम कैंपस में जाएंगे और छात्रों से कहेंगे कि आपकी जो भी समस्याएं हैं उन्हें हम उठाएंगे। 
आप हमसे इस अभियान के जरिए अपनी बात रख सकते हैं। एनएसयूआई कॉलेज स्तर और छात्रों के बीच असमानता के प्रत्येक उदाहरण को उजागर करेगा। साथ ही हम मांग करेंगे कि दिल्ली विश्वविद्यालय वन यूनिवर्सिटी, समानता के वादे को पूरा करे। एनएसयूआई युवाओं को सीटी बजाकर विरोध दर्ज कराने का एक शांतिपूर्ण, अहिंसक तरीका बताकर उन्हें सशक्त बनाना चाहती है। आज डीयू की नॉर्थ कैंपस हो या साउथ आपको यहां छात्रों के स्तर पर हो या विभाग, क्षेत्र, भाषा आदि हर स्तर पर असमानता और भेदभाव देखने को मिल जाएंगी। 
इस दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीरज मिश्रा आदि मौजूद रहे। वहीं नीरज कुंदन ने कहा कि आज डीयू के किसी कॉलेज में किसी पाठ्यक्रम की सालाना फीस कुछ है, तो दूसरे की कुछ। हर कॉलेज और विभाग की फीस अलग-अलग है।
एबीवीपी को लिया आड़े हाथों, प्रलोभन की बात पर काटी कन्नी
एनएसयूआई ने इस अभियान के लिए जो फॉर्म दिया है उसमें छात्रों से पूछा गया है कि आपके लिए डीयू में समानता का मतलब क्या है, साथ ही इनाम के तौर पर फिल्म का टिकट जीतने का मौका भी लिखा हुआ है। यह छात्रों को डूसू चुनाव से पहले लुभाने और धन का प्रयोग करने का मामला नहीं तो इस पर रुचि ने कन्नी काटी और मना किया कि यह धन का प्रयोग नहीं है हम खाली फिल्म का टिकट देंगे यह धनबल का प्रयोग नहीं कहा जा सकता। धन बल का प्रयोग वह है,जो पिछले चुनाव में डूसू प्रत्याशी शक्ति सिंह ने किया था सौ सौ गाड़ियों का काफिला लेकर। 
सुरक्षा के मद्देनजर आईकार्ड किया अनिवार्य
डूसू चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ियां न हो इसके लिए डीयू प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। दरअसल हर बार बाहरी छात्रों की वजह से डीयू चुनाव में काफी परेशानियां होती आईं हैं। इसलिए इस बार बाहरी लोगों का प्रवेश प्रत्याशी के साथ रोकने के लिए उन्हें आईकार्ड अनिवार्य किया गया है, जिसके पास आईकार्ड नहीं होगा वह कॉलेज या विभाग में प्रत्याशी के साथ प्रचार नहीं कर पाएगा। वहीं डूसू में प्रतिभाग करने वाले प्रत्याशी को भी अपने पास अपना कॉलेज पहचान पत्र या मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा पहचान स्लीप दिखानी होगी। 
प्रत्याशी के पास यह नहीं होने पर कॉलेज प्रिंसिपल या विभागाध्यक्ष चाहे तो प्रत्याशी को कॉलेज में प्रचार के लिए घुसने से रोक सकते हैं। डूसू चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा बाहरी समर्थकों का सहारा प्रचार करने के लिए लिया जाता है। इन बातों को ध्यान में रख डूसू नियम में तय किया गया है कि प्रत्याशी के हर समर्थक को अपने पास प्रचार के दौरान हॉस्टल, कॉलेज या विभाग में प्रवेश करते हुए अपने पास अपना कॉलेज का परिचय पत्र रखना होगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।