चुनावजीवी घर-घर जाएंगे, जाति-धर्म व जिन्ना में उलझाएंगेः राकेश टिकैत - Punjab Kesari
Girl in a jacket

चुनावजीवी घर-घर जाएंगे, जाति-धर्म व जिन्ना में उलझाएंगेः राकेश टिकैत

अब चुनावजीवी घर-घर आएंगे, आपको जाति, धर्म और जिन्ना में उलझाएंगे। हमें किसान-मजदूर ही बने रहना है और

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है, ऐसे में सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लग गई हैं। जहां एक तरफ सरकार बीते सालों में किये गए कामों को गिनाने में लगी हुई है तो वहीं विपक्ष उनपर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने भी ट्वीट कर किसानों और मजदूरों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने किसानों से किसानी और खेती के मुद्दे पर पर ही डटे रहने के लिए भी कहा है।

किसानों को लेकर किया गया राकेश टिकैत का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, साथ ही यूजर इसपर खूब कमेंट भी कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट में लिखा, “अब चुनावजीवी घर-घर आएंगे, आपको जाति, धर्म और जिन्ना में उलझाएंगे। हमें किसान-मजदूर ही बने रहना है और खेती-किसानी के मुद्दों पर ही डटे भी रहना है।”
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों में विधानसभा चुनाव
बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। इन चुनावी राज्यों में पंजाब भी शामिल हैं, जहां पर किसान आंदोलन सबसे ज्यादा असरकारी है। इस बीच विभिन्न दलों के नेता तरह तरह के बयान दे रहे हैं, जिनमें भारत विभाजन के लिए दोषी माने जाने वाली मोहम्मद अली जिन्ना का भी जिक्र आया है। दरअसल, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र किया था। यहां पर यह बता देना जरूरी है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने बयान में इशारों-इशारों में कुछ नेताओं को आंदोलन जीवी बताया था।
29 नवंबर को किया है संसद जाने का एलान
संयुक्त किसान मोर्चा के अहम नेताओं में शुमार किसान नेता राकेश टिकैत ने एक दिन पहले ही ट्वीट किया था- ‘ ट्रैक्टर भी वही हैं और किसान भी वही। इस बार गूंगी-बहरी सरकार को जगाने और अपनी बात मनवाने के लिए किसान 29 नवंबर की ट्रैक्टरों से संसद भवन जाएंगे।’ 
बता दें कि आगामी 26 मार्च को दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर तीनों केंद्रीय कृषि  कानूनों के खिलाफ जारी धरना प्रदर्शन को एक साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में विरोध की कड़ी में 29 नवंबर को दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर और दिल्ली-हरियाणा के टीकरी बार्डर से दिल्ली में ट्रैक्टरों के जरिये प्रवेश कर संसद जाने का एलान किया है। किसान संगठनों का यह भी कहना है कि संसद जाने के दौरान उन्हें जहां पर रोका जाएगा, वे वहीं पर धरना प्रदर्शन के लिए बैठ जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven − 5 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।