नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व विधायकों के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त सहित चुनाव आयुक्तों से मिलकर उनको आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ चल रहे लाभ के पद की कार्यवाही में निर्णय लेकर उनको अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। अजय माकन ने कहा कि आप पार्टी के 20 विधायकों ने मंत्रीतुल्य सुविधाएं जैसे कार्यालय, फर्नीचर तथा सरकारी गाड़ी सहित अन्य सुविधाए लेकर लाभ का पद 13 मार्च 2015 को गृहण किया था जबकि कोई भी विधायक यदि लाभ का पद लेता है तो उसकी विधानसभा से सदस्यता तुरंत रद्द हो जानी चाहिए परंतु आप पार्टी के 20 विधायक आज भी विधायक बने हुए है तथा विधायकों को मिलने वाली सारी सरकारी सुविधाऐं ले रहे है।
अजय माकन ने निर्वाचन आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 9 जून 2016 को चुनाव आयोग के सामने आप पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद गृहण करने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की थी। माकन ने कहा कि 14 जुलाई, 2016 तथा 21 जुलाई 2016 को कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद, अधिवक्ता केसी मित्तल व अन्य अधिवक्ताओं के द्वारा चुनाव आयोग के सामने आप पार्टी के 20 विधायकों की विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने की दलील रखी गई थी।
गौरतलब है कि 13 जून, 2016 को महामहिम राष्ट्रपति ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा अपने 20 विधायकों को बचाने के लिए जो बिल विधानसभा में पास किया गया था उसको मंजूरी देने से मना कर दिया था। माकन ने कहा कि 2 वर्ष हो चुके है परंतु आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों पर लाभ के पद के मामले पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जबकि अभी तक उनको अयोग्य ठहरा दिया जाना चाहिए था। माकन ने कहा कि हमने मुख्य चुनाव आयुक्त को यह दलील दी कि वे अपनी सेवानिवृति से पहले इस मामले में निर्णय सुनाए। भारतीय चुनाव आयोग ने प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को आप पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ चल रहे लाभ के पद के मामले में जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
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