भोपाल : मतदाता सूचियों का मुद्दा गरमाता जा रहा है। कांग्रेस और चुनाव आयोग आमने-सामने आ गए हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव आयोग को लेकर बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने चुनाव आयोग को सीधे चुनौती देते हुए कहा है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जो भी कहा है, उसे साबित करें। चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को भ्रमित कर रहा है। अगर उन्हें एफआईआर करानी है तो वह करें। प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैं चुनाव आयोग को चुनौती देता हूं कि उन्होंने जो कहा है, वो साबित करे।
चुनाव आयोग भ्रमित करने का काम कर रहा है। आज चुनाव आयोग की साख पूरे विश्व में है। हम भी चुनाव आयोग को निष्पक्षता के लिये मदद कर रहे हैं। हमने जो शिकायत की थी, वो 18 जनवरी की मतदाता सूची के आधार पर की थी। 31 जुलाई को उन्होंने जो सूची प्रकाशित की उसमें 24 लाख नाम हटाए गए हैं। जब हमारी शिकायत गलत थी तो क्यों नाम हटायें? हमने सीडी सार्वजनिक तौर पर उन्हें सौंपी। कमलनाथ ने आगे कहा, ”हमने चुनाव आयोग से मांग की थी कि हमें मतदाता सूची टेक्स्ट प्रारूप में दी जाए, लेकिन हमें इमेज प्रारूप में दी गयी।
जबकि राजस्थान को टेक्स्ट प्रारूप में दी गयी। टेक्स्ट प्रारूप में देने से हमें डुप्लीकेट वोटर्स पकड़ने में आसानी होती। हमने शिकायत भी डुप्लीकेट वोटर्स को लेकर ही की थी। हमारी मांग के बावजूद हमें यह सूची नहीं दी गयी। चुनाव आयोग यह बताए क्यों नहीं दी गयी? हमने 3 जून को मिलकर सारे प्रमाण सौंपे। चुनाव आयोग ने कहा था कि कांग्रेस के दस्तावेज मनगढ़ंत: मध्यप्रदेश में वोटर लिस्ट की गड़बड़ी के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
चुनाव आयोग और कांग्रेस की ओर से कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा गया। आयोग की ओर से कहा गया कि कांग्रेस ने वोटर लिस्ट की गड़बड़ी को लेकर जो दस्तावेज दिए हैं, वे मनगढ़ंत हैं। इसलिए धोखाधड़ी मानते हुए कोर्ट कार्रवाई करे। कांग्रेस के वकील ने कहा, चुनाव आयोग को यही दस्तावेज दिए गए हैं। पूरा रिकॉर्ड है। अब इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। कांग्रेस के वकील विवेक तन्खा ने कोर्ट से कहा है कि वे पूरे साक्ष्य के साथ दस्तावेज पेश करेंगे।