लोकसभा चुनाव में फर्जी मतदाताओं की खबरों को चुनाव आयोग ने बताया गलत - Punjab Kesari
Girl in a jacket

लोकसभा चुनाव में फर्जी मतदाताओं की खबरों को चुनाव आयोग ने बताया गलत

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में ‘‘फर्जी मतदाताओं ’’ के बारे में आई खबरों को शनिवार को गलत

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में ‘‘फर्जी मतदाताओं ’’ के बारे में आई खबरों को शनिवार को गलत करार देते हुए कहा कि ये दावे आयोग की वेबसाइट पर डाले गए मतदान प्रतिशत के अस्थायी आंकड़ों पर आधारित हैं।चुनाव आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया अस्थायी मतदान प्रतिशत सिर्फ अस्थायी संख्या है और अंतिम संख्या नहीं है इसलिए, फर्जी मतदाताओं का मिलना गलत दावा है क्योंकि ऐसा कुछ है ही नहीं।’’ 
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मीडिया के एक हिस्से ने यह खबर दी थी कि कुल मतदान प्रतिशत और कुछ राज्यों में मतदाताओं की वास्तविक संख्या में विसंगति है। इन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि अंतिम नतीजे पर पहुंचने के लिए दो श्रेणियों के वोटों की गिनती की गई – जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए थे और जो सैनिकों एवं अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के डाक मतों से प्राप्त हुए थे। 
आयोग ने कहा कि अस्थायी मतदान आंकड़ा चुनाव आयोग की वेबसाइट और मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल एप पर प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया गया, जिन्हें सेक्टर मजिस्ट्रेटों से हासिल संभावित मतदान प्रतिशत के आधार पर चुनाव के दिन रिटर्निंग ऑफिसर/असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर ने अपलोड किया था। इसे वे लोग अपने -अपने क्षेत्र में करीब 10 पीठासीन अधिकारियों से फोन पर या व्यक्तिगत रूप से समय-समय पर प्राप्त करते हैं। निर्वाचन अधिकारी से मिले दस्तावेजों की जांच के बाद सामान्य मतदाताओं (ईवीएम) का मतदान प्रतिशत संकलित किया जाता है और उसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है , जो मतदान केंद्रों के अस्थायी मतदान आंकड़ा पर आधारित होता है। इसे पीठासीन अधिकारी देते हैं। 
आयोग ने कहा कि ये सभी आंकड़ें अस्थायी हैं जो आकलन पर आधारित हैं और जो आगे चलकर बदल जाते हैं जैसा कि वेबसाइट पर दी गई सूचना से स्पष्ट है। ईवीएम के मतदान के आंकड़ों में डाक मतों को जोड़ा जाता है ताकि हर संसदीय क्षेत्र में अंतिम मतदान प्रतिशत बताया जा सके। साथ ही, विजेता उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी द्वारा फॉर्म 21 ई में प्रमाणपत्र दिया जाता है। ईवीएम वोटों और डाक मतों के आधार पर निर्वाचन अधिकारी फॉर्म 21 ई और इंडेक्स कार्ड तैयार करते हैं,जिसका मिलान किया जाता है ताकि हर संसदीय सीट के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत मिल सके। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × three =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।