पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली में नई लैंडफिल साइट मामले में एनजीटी ने नाराजगी जाहिर की है। एनजीटी संबंधित एजेंसियों से जवाब तलब किया है कि आखिर क्यों इस मसले को टाला जा रहा है। एनजीटी ने कहा कि संबंधित एजेंसियां क्या एक बार फिर गाजीपुर जैसे हादसे का इंतजार कर रही हैं। ईस्ट एमसीडी की ओर से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने डीडीए को नोटिस जारी कर मांगा है कि से दिल्ली में दो जगहों पर चिन्हित की गई जमीन पर अब तक लैंडफिल साइट्स क्यों शुरू नहीं किया जा सका है।
बता दें कि ईस्ट एमसीडी ने एनजीटी में में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई कि डीडीए से जमीन आवंटित न होने के कारण लैंडफिल साइट शुरू करने में परेशानी आ रही है। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी। याचिका के मुताबिक ईस्ट एमसीडी चाहती है कि डीडीए सोनिया विहार में 130 एकड़ व गोंडा गुजरान में 30 एकड़ की जगह ईस्ट एमसीडी को ट्रांसफर करे। गाजीपुर लैंडफिल साइट साल 2000 में ही अपनी क्षमता को पार चुकी है। बावजूद इसके यहां पर रोजाना 1600 मीट्रिक टन कचरा डंप किया जाता है।
ईस्ट एमसीडी की ओर से अधिवक्ता बालेंदु शेखर ने कहा कि सेंट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) वेस्ट मैनेजमेंट के लिए दो जगहों की मंजूरी दे चुका है और डीडीए को इस जगह का ट्रांसफर ईस्ट एमसीडी को करना है। बता दें कि बीते एक सिंतबर को गाजीपुर में कचरे का पहाड़ ढहने से दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग इस दौरान जख्मी भी हुए थे। इसके बाद ही दिल्ली के उपराज्यपाल ने ईस्ट एमसीडी, एनएचएआई, सरकार व डीडीए की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में गाजीपुर में और कचरा डंप करने पर रोक लगा दी गई थी। साथ ही ईस्ट एमसीडी को लैंडफिल साइट के लिए नई जगह तलाशने के दिशा-निर्देश दिए गए थे।
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