राजनीतिक दलों के खर्च के विनियमन संबंधित शक्तियों पर चुनाव आयोग दे हलफनामा : HC - Punjab Kesari
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राजनीतिक दलों के खर्च के विनियमन संबंधित शक्तियों पर चुनाव आयोग दे हलफनामा : HC

उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला पांच सालों से लंबित पड़ा है और हलफनामा देने के लिए

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को चुनाव आयोग को एक हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा कि राजनीतिक दलों के खर्च के खुलासे से संबंधित उसके दिशानिर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उसके पास कौन सी और कितनी शक्तियां हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भमभानी की पीठ ने चुनाव आयोग को संबंधित दस्तावेज सौंपने का आखिरी मौका दिया और कहा कि यदि वह ऐसा नहीं कर पाता है तब अदालत आदेश जारी करने की दिशा में आगे बढ़ जाएगी।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि यह मामला पांच सालों से लंबित पड़ा है और हलफनामा देने के लिए फरवरी में चुनाव आयोग को दिये गये निर्देश का अबतक पालन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता गैर सरकारी संठन एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर)के वकील अरविंद निगम ने दलील दी कि राजनीतिक पाटियां आयकर फाइल नहीं करती हैं बल्कि छूट का दावा करती हैं और ऐसे में हस्तक्षेप की जरूरत है।

इस मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। उच्च न्यायालय ने इससे पहले चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या वह राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शक्तिहीन है जो फंडिंग और खर्च के ब्योरे का खुलासा करने के उसके दिशानिर्देश का पालन नहीं करते हैं। एडीआर इन दिशानिर्देशों और विधि आयोग की संबंधित सिफारिश के क्रियान्वयन की गुजारिश कर रहा है।

विधि आयोग ने सिफारिश की थी कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के खर्च की निगरानी एवं विनियमन के लिए कानून बनाया जाए। एनजीओ ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि चूंकि वर्तमान राजनीतिक प्रणाली को विभिन्न अवैध माध्यमों तथा निहित स्वार्थ वाले लोगों एवं कोरपोरेट एजेंसियों से फंडिंग हो रही है, ऐसे में वह (राजनीतिक प्रणाली) विधि आयोग की इस सिफारिश को मूर्त रूप देने में अनिच्छुक हैं।

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