मानसून सत्र के बीच सदन मे हो रहे हंगामे से एक दिन में होता है 9 करोड़ का नुकसान - Punjab Kesari
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मानसून सत्र के बीच सदन मे हो रहे हंगामे से एक दिन में होता है 9 करोड़ का नुकसान

जिस संसद में आम जनता की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए उसी सदन में नेता अपने मतभेदों को

जब से संसद में मानसून सत्र शुरू हुआ है। तब से सदन में हंगामा हो रहा है सदन में पहले दिन से ही मणिपुर को लेकर हंगामा हो रहा है। जिसकी वजह से संसद में चल रही कार्रवाई को बार बार स्थगित करना पड़ रहा है। जिस संसद में आम जनता की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए उसी सदन में नेता अपने मतभेदों को लेकर ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। कई बिल को पास किया जाना है लेकिन अगर इसी तरह हंगामा चलता रहा तो बिल पास नहीं हो पाएंगे।
हंगामें से करोड़ों रुपए का नुकसान
नेताओं के इस हंगामें से करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। क्योंकी सदन की एक दिन की कार्रवाही में करोड़ो रुपए  खर्च होते है। इससे आप को ये तो पता चल गया होगा कि जनता  द्वारा चुने गए नेताओं की ओर से  संसद में मचाए गए शोर के कारण इकोनॉमी को कितना नुकसान हो रहा है । देश में रहने वाले टैक्सपेयर्स का पैसों का काफी नुकसान हो रहा है।
 मानसून सत्र में अब तक नहीं हो पाई मुद्दो पर चर्चा
20 जुलाई को देश का मानसून सत्र शुरू हुआ था।  जोकि 11 अगस्त को खत्म होगा। इस बीच संसद का काफी वक्त शोर-शराबे की वजह से खराब हो चुका है और किसी भी मुद्दे पर ठीक से चर्चा नहीं हो पाई है।
11 से छह बजे तक चलती है कार्रवाही
 खासकर राज्यसभा में अगर संसद की कार्रवाही की बात करें तो सुबह 11 बजे शुरू हो जाती है और शाम 6 बजे तक चलती है। इस बीच में सांसदों का लंच ब्रेक भी होता है जोकि एक से 2 बजे के बीच होता है। उसके बाद दोबारा से सत्र शुरू हो जाता है।  संसद शनिवार और रविवार को ब्रेक पर होता है। इसका मतलब है कि उस दिन संसद में किसी भी तरह​ की कार्रवाही नहीं होती है।अगर संसद सत्र के दौरान किसी वीक डे के दिन कोई त्योहार या जयंति पड़ जाए तो संसद का अवकाश होता है।
एक दिन में खर्च होते है 9 करोड़
सदन चलने के दौरान होने वाले खर्च की बात करें तो संसद में हर एक मिनट में ढाई लाख रुपये खर्च हो जाते हैं। इसका मतलब है कि एक घंटे में यह आंकड़ा डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो जाता है। संसद सत्र के 7 घंटों में से एक घंटे लंच के हटा भी दिए जाएं तो 6 घंटे के हिसाब से 9 करोड़ रुपये का डेली खर्च होता है।
 टैक्सपेयर्स का पैसा हो रहा बर्बाद
अगर इन 6 घंटों में सिर्फ शोर-शराबा होता राह तो इसका मतलब। यही की नौ करोड़ रुपए  का भारी नुकसान हुआ। इसी तरह से  टैक्सपेयर्स के पैसे का नुकसान होता है। अगर ये हंगामा यूं ही चलता रहा तो आम जनता की समस्या पर बात नहीं होगी और न ही बिल पास हो पाएंगे।

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