नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के चौथे चरण के तहत बनने वाले कॉरिडोर में फिर से पेंच फस गया है। इसके चलते इनके निर्माण में देरी होने की आशंका उत्पन्न हो गई है। दरअसल दिल्ली सरकार ने चौथे फेज के तहत बनने वाले कॉरिडोर के लिए पूरा पैसा देने से इंकार कर दिया है।
सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार ने चौथे फेज के तहत बनने वाले कॉरिडोर की निर्माण लागत में अचानक दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी बढ़ा दी जो संघीय ढांचे के खिलाफ है। इस बारे में परिवहन विभाग ने केन्द्र सरकार को एक पत्र भेजकर सूचित किया है। इस बारे में दिल्ली सरकार ने एक प्रेस नोट जारी कर सारे तथ्यों को स्पष्ट किया है।
प्रेस नोट में कहा गया है कि दिल्ली कैबिनेट ने गत 19 दिसंबर को मेट्रो फेज-फोर को स्वीकृति दी थी, इसके बाद केन्द्रीय कैबिनेट ने फेज-4 के छह में से केवल तीन कॉरिडोर को अपनी स्वीकृति दी। जिस पर दिल्ली सरकार ने यह कहते हुए अपत्ति जतायी कि यदि केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा उक्त तीन कॉरिडोर को ही स्वीकृति दी जानी थी तो इस बारे में दिल्ली सरकार को पहले से सूचित किया जाना जरूरी था।
प्रेसनोट में आगे कहा गया कि उक्त तीनों कॉरिडोर के लिए पहले दिल्ली सरकार की ओर से लगभग 5000 से 5200 करोड़ रुपये की देनदारी तय हुई थी लेकिन केन्द्र सरकार ने इसमें अचानक बढ़ोतरी करके इसे 7800 करोड़ कर दिया। सरकार ने कहा कि बजट में मेट्रो कॉरिडोर के लिए जो धनराशि तय हुई थी सरकार उससे ज्यादा नहीं दे सकती। पत्र में आगे कहा कि मेट्रो फेज-4 के लिए डीएमआरसी को पहले ही 200 करोड़ रुपये जारी कर दिये गये हैं।