डीयू प्रशासन ने ढूंढा बीच का रास्ता, डूटा करेगा 'बंद' - Punjab Kesari
Girl in a jacket

डीयू प्रशासन ने ढूंढा बीच का रास्ता, डूटा करेगा ‘बंद’

इसके लिए जल्द ही प्रशासन बैठक बुलाएगी। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने भी इस मामले को

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन और अकादमिक परिषद (एसी) सदस्यों के बीच यूजीसी रेगुलेशन को लागू कराने के लिए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को एजेंडे में शामिल करने को लेकर उठा विवाद फिलहाल थम गया है। डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसे लेकर फिलहाल डीयू प्रशासन ने बीच का रास्ता निकाला है।

डीयू एसी सदस्यों की मांगों से पूरी तरह सहमत नहीं है, इसलिए जिन बातों पर हमारी असहमति है उसे और उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के कुछ अंश पर चर्चा करने के बाद एक अन्य रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए जल्द ही प्रशासन बैठक बुलाएगी। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने भी इस मामले को लेकर गुरुवार को भी धरने पर बैठा रहा।

इसके बाद शाम को एक बैठक कर सर्वसम्मति से अगामी 8-9 जनवरी को डीयू बंद का ऐलान किया है। इस बारे में डूटा के अध्यक्ष राजीव रे ने बताया कि फिलहाल शिक्षक प्रशासन के रवैये से खुश नहीं हैं इसलिए हमने विरोध स्वरूप बंद का ऐलान किया है। एसी सदस्यों डॉ. पंकज गर्ग ने बताया कि लगातार विरोध को देखते हुए सम उप कुलपति (पीवीसी) ने पहले दोपहर साढ़े ग्यारह बजे बात करने की बात कही थी बाद में उन्होंने शाम करीब छह बजे सभी मेंबर्स को बात करने के लिए बुलाया।

जिसमें उन्होंने हमारी कुछ मुद्दों पर असहमति जताई। अब इस पूरे मामले में चर्चा होगी फिर एक नई रिपोर्ट सदन के पटल पर होगा। वहीं प्रो. हंसराज का कहना है कि यूजीसी रेगुलेशन के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट लागू होने के बाद कॉलेजों/विभागों में परमानेंट अपॉइंटमेंट, शिक्षकों की रुकी हुई प्रमोशन, एडहॉक सर्विस को जोड़ना, महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश मिलना आदि समस्याओं का सुनिश्चित समाधान हो जाता। संभवतः अगले सप्ताह को बैठक बुलाई जा सकती है। उम्मीद करते हैं कि शिक्षकों की भावनाओं को ध्यान में रखकर कोई सकारात्मक रास्ता निकाला जाएगा।

आज से भूख हड़ताल…
बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से डीयू के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षक अपनी स्थाई नियुक्ति की मांगों को लेकर शुक्रवार से नॉर्थ कैंपस स्थित आर्ट फैकल्टी में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस बारे में शिक्षक मनोज कुमार ने बताया कि डीयू में करीब पांच हजार तदर्थ शिक्षक 15 सालों से लगातार काम कर रहे हैं।

अब हम अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कई बार प्रशासन के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन अब तक हमारी मांगे नहीं मानी गईं। इसलिए शुक्रवार को करीब सौ से भी ज्यादा शिक्षक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।