उत्तराखंड सरकार ने गुरूवार को कहा कि प्रदेश में पिछले शैक्षिक सत्र में पांच से 11 वर्ष की उम्र के ड्रॉप आउट (बीच में पढाई छोड़ने वाले) बच्चों की संख्या 1116 थी और उन्हें विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें आयु आधारित कक्षाओें में प्रवेश कराने जैसे कई कदम उठाकर राज्य सरकार इसमें सुधार ला रही है।
राज्य विधानसभा में निर्दलीय सदस्य प्रीतम सिंह पंवार द्वारा इस संबंध में किये गये एक सवाल का उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2015-16 में पांच से 11 वर्ष की उम्र के ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या 1831 तथा सत्र 2016-17 में यह संख्या 1116 थी। उन्होंने बताया कि इस आयुवर्ग में सर्वाधिक ड्रॉप आउट बच्चे देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के हैं जहां पिछले सत्र में यह संख्या क्रमश: 254,115, 226 और 311 दर्ज की गयी जबकि उत्तरकाशी में कोई ड्रापॅ आउट बच्चा नहीं पाया गया और बागेश्वर में केवल सात और पौडी में 17 बच्चे ड्राप आउट थे।
मंत्री ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों के तहत ऐसे बच्चों को विशिष्ट प्रशिक्षण देकर उन्हें निकटवर्ती विद्यालयों में आयु आधारित कक्षाओं में प्रवेश कराया जाता है और यह विशिष्ट प्रशिक्षण बच्चों को आवासीय एवं गैर आवासीय, दोनों तरीकों से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उपायों से वर्षवार तथा जिलावार ड्रॉप आउट में सुधार आया है ।