नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान (एम्स) और सफदरजंग सहित राजधानी के कई अस्पतालों के बाहर इलाज न मिलने के कारण दर्द से कराहते नजर आएंगे। क्योंकि कोलकाता में हुए चिकित्सकों के साथ मारपीट की आंच दिल्ली तक पहुंच चुकी है। यहां के चिकित्सक संगठनों ने शुक्रवार को हड़ताल करने का एलान कर दिया है।
एक जुट होकर चिकित्सकों के हड़ताल जाने पर अस्पतालों के बाहर हालात बेकार होने आशंका है। हालांकि प्रशासन इससे निपटने के लिए एक योजना बनाई है। लेकिन वह कितना कारगर साबित होता है ये शनिवार को ही पता चलेगा। हालांकि राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) के चिकित्सक हड़ताल पर नहीं रहेंगे। वह इसका विरोध शुक्रवार को करेंगे। बता दें कि, गुरुवार को एम्स के चिकित्सकों ने अजीब तरीके से अपना विरोध जताया। यहां चिकित्सकों ने हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज किया है।
वहीं अनेक चिकित्सकों ने अपने शरीर पर पटि्टयां भी बांधी। इसके अलावा गुरुवार शाम को एम्स के चिकित्सक एकत्रित होकर प्रदर्शन भी किए। वहीं कुछ चिकित्सक जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किए। चिकित्सकों की इस देश व्यापी बंद की घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं रखने के निर्देश भी दिए हैं। एम्स प्रबंधन के अनुसार शुक्रवार को हड़ताल के दौरान गंभीर मरीजों के इलाज, प्रसूति और आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है।