नई दिल्ली : सीडी वायरल होने के बाद पुराने मामलों का सुर्खियों में छाना कोई नई बात नहीं है। नए सीडी मामले ने एक बार फिर से 1984 के दंगों के जिन्न को राजनीतिक गलियारों में ला दिया है। इसके केंद्र में इस बार टाइटलर, सिरसा आैर जीके जैसे नेता शामिल हैं। दरअसल, 1984 सिख विरोधी दंगों में हुए कत्लेआम के आरोपों में घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर की एक सीडी मीडिया में वायरल हुई है। इसके बाद से ही 1984 का कत्लेआम मामला एक बार फिर गरमा गया है।
इस विषय पर पंजाब केसरी को दिए एक विशेष इंटरव्यू में विधायक और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह बात साफ कर दी है कि टाइटलर सिखों के सब्र का इम्तिहान न लें। अब तक अगर सिख चुप हैं तो वे सिर्फ इसलिए कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और वह ऐसा कुछ नहीं करना चाहते जिससे कानून के नियमों का उल्लघंन हो। सिरसा ने कहा कि जिस व्यक्ति के हाथ निर्दोषों के खून से रंगे हों, उसे गुरु घर जाने की भी इजाजत नहीं है। यदि टाइटलर का यह कहना है कि इस सीडी को काट-काट कर सही सत्य को छिपाया जा रहा है तो वह मीडिया के सामने आकर स्वयं ही इस सीडी का पूरा पार्ट दें।
बता दें कि जहां दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके इस सीडी को सीबीआई के लिए एक बड़ा सबूत बता रहे हैं, वहीं विवादों में घिरे जगदीश टाइटलर इसे एक षड्यंत्र बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। लेकिन सिरसा का कहना है कि टाइटलर इस सीडी कांड के बाद अपनी बातों से ही अपने पर लगे आरोपों में घिर चुका है। टाइटलर व कांग्रेस पर तीखे वार करते हुए उन्होंने कहा कि इस सीडी कांड ने न सिर्फ टाइटलर का सच सामने ला दिया है बल्कि इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों के आरोपों को भी साफ कर दिया है। सिरसा ने कहा कि टाइटलर की नोटंकी सिर्फ स्वयं को बचाने के लिए है लेकिन अब वह स्वयं को बचा नहीं सकता। उसेे फांसी की सजा ही होगी।
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– भारत कपूर