नई दिल्ली : देवेन्द्र स्वरूप जी एक ज्ञानयोगी थे। उन्होंने एक ऋषि के समान ज्ञान की साधना की। उनमें ऋषियों जैसी आत्मीयता थी क्योंकि ऋषि अपने ज्ञान नहीं बल्कि आत्मीयता के कारण पहचाने जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने उक्त बातें सोमवार को पांचजन्य के पूर्व संपादक, इतिहासकार एवं संघ विचारक स्व. देवेन्द्र स्वरूप जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित स्मृति सभा में कहीं।
नई दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेन्टर में आयोजित इस स्मृति सभा में लोगों को स्व. देवेन्द्र स्वरूप के व्यक्तित्व, कार्यों एवं समर्पण की जानकारी देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि उनकी खासियत यह थी कि वे दो टूक एवं खरी-खरी बात कहते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं था। ऐसे लोग कम ही मिलते हैं।
उन्होंने स्वयंसेवकों को भी ऐसा ही बनने की सलाह दी। उनकी दूसरी विशेषता यह थी कि उन्होंने ज्ञान की साधना की थी, लेकिन अन्य लोगों की भांति उनमें ज्ञान की साधना से पैदा होने वाली उग्रता नहीं थी। संघ प्रमुख ने कहा कि देवेन्द्रजी को 120 साल जीना चाहिए था, लेकिन अब उनके अधूरे कार्यों को हम पूरा करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रो.देवेन्द्र स्वरूप के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पांचजन्य के लेखों और स्तंभों के माध्यम से मेरा उनसे परिचय है।
उन्होंने ज्ञानदान, जीवनदान एवं देहदान किया, एक योगी से और कोई क्या उम्मीद कर सकता है। उनके जीवन की सरलता स्वयंसेवकों को प्रेरणा देने का काम करती है। शोध के छात्र भी उनकी पुस्तकों को पढ़ते हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने कहा कि देवेन्द्र स्वरूप जी के जीवन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। अंग्रेजों की राज्य व्यवस्था को अपने सांचे में ढालने की कला उन्होंने ही हमें सिखायी।
राय ने कहा कि प्रो. देवेन्द्र स्वरूप भारत की ज्ञान परंपरा और संघ के इतिहास पर कुछ लिखना चाहते थे। उनके इस अधूरे कार्य को पूरा करने संबंधी शोध कार्य के लिए 50 हजार रुपए की रिसर्च फेलोशिप दी जाएगी। इसके अलावा इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र 30 मार्च को उनके जन्मदिन पर प्रति वर्ष एक व्याख्यान भी माला आयोजित करेगा। स्मृति सभा में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी स्व. देवेन्द्र स्वरूप को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय, गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली सहित देवेन्द्र स्वरूप के परिजन रोहित भी सभा में उपस्थित रहे।