उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगा मामले में पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलिता और नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत मिल गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार इन तीनों की जमानत को आज मंजूरी दे दी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने निचली अदालत के इन्हें जमानत ना देने के आदेश को खारिज करते हुए तीनों को नियमित जमानत दे दी। कोर्ट ने पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और तन्हा को अपने-अपने पासपोर्ट जमा करने, गवाहों को प्रभावित न करने और सबूतों के साथ छेड़खानी न करने का निर्देश भी दिया।
देवांगना, नताशा और आसिफ को साल 2020 फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने इकबाल तन्हा को 26 जून तक के लिए पढ़ाई के करने के लिए अंतरिम जमानत दी है। वह दिल्ली मेंं होटल में रहकर अपने 15 जून से शुरु होने वाली परीक्षा की तैयारी करेगा।
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति ए जे भाम्भनी की पीठ ने मार्च महीने में इकबाल तन्हा की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इकबाल तन्हा ने निचली अदालत के 26 अक्तूबर 2020 के उस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत ने तन्हा को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ फरवरी 2020 में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। इस हिंसा में भारी मात्रा में संपत्ति का भी नुक्सान हुआ था ।