दूषित होने लगी दिल्‍ली की हवा, छाने लगा काला कोहरा - Punjab Kesari
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दूषित होने लगी दिल्‍ली की हवा, छाने लगा काला कोहरा

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पड़ोसी राज्यों पंजाब और ह‌रियाणा में किसानों ने पराली जलाना शुरू कर दिया है, और इसी के साथ दिल्ली में हवा की क्वालिटी सबसे ख़राब के स्तर पर पहुंच गई है। यह साल का वह वक्त है जब दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित हो जाती है। ऐसे में फिर से लोगों के लिए यह चर्चा और परेशानी दोनों का ही सबब बन गया है। इस साल भी पिछले दो सालों वाले हालात में कोई ज्यादा बदलाव आने की संभावना नहीं है और माना जा रहा है कि एक बार फिर से लोगों को श्वसन तंत्र और आंखों से संबंधित समस्याएं जकड़ने वाली हैं। पिछले दो साल से दिल्ली में पड़ने वाला यह काला कोहरा दुनिया भर में भी हेडलाइन बना रहा है। जहरीली हवा के चलते कई देशों ने इस दौरान दिल्ली में बैठे अपने राजनयिकों की दिल्ली पोस्टिंग को सजा के तौर पर देखना शुरू कर दिया है।

शनिवार को भी दिल्‍ली की हवा की गुणवत्‍ता खराब होने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है। शनिवार सुबह दिल्‍ली के आनंद विहार में प्रदूषण की मात्रा 699 मापी गई, साथ ही पंजाबी बाग में यह मात्रा 307 रही।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार द्वारा पराली जलाने का मुद्दा बार-बार उठाए जाने के बावजूद केंद्र सरकार, हरियाणा और पंजाब सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने आशंका जताई कि ठंड का मौसम आते ही फिर से दिल्ली समेत यह पूरा क्षेत्र ”गैस चैंबर” बन जाएगा और लोगों को ”सांस लेने में कठिनाई” का सामना करना पड़ेगा।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘हम केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकारों के साथ इस मामले को उठाते रहे हैं, फिर भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। किसान फिर से असहाय हो गए हैं। दिल्ली समेत पूरा क्षेत्र फिर से गैस चेंबर बन जाएगा। लोगों को फिर से सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा. यह अपराध है।”

पंजाब और हरियाणा में पराली के जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता पिछले सप्‍ताह बुधवार को लगातार तीसरे दिन खराब रही थी। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान शोध केन्द्र (सफर) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर बुधवार को शाम चार बजे 239 तक पहुंच गया था. इसे हवा की खराब श्रेणी में रखा जाता है।

सूचकांक पर हालांकि मंगलवार को इसका स्तर 256 था. इसमें बुधवार को मामूली सुधार दर्ज किया गया। सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक के स्तर को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक के स्तर को ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 से 300 तक के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 तक के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 तक के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।

केंद्र सरकार ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा से 11 अक्‍टूबर को अपील की कि वे प्रदूषण नियंत्रित करने की दिशा में धान की पराली जलाये जाने से रोकने के लिए पूरी गंभीरता तथा जिम्मेदारी से काम करें। केंद्रीय पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार हर स्तर पर मामले की निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों से इस बारे में बैठकें की हैं और किसानों को जरूरी उपकरण 15 अक्टूबर तक वितरित करने को कहा है।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।