दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चौथे दिन भी बहुत खराब रही - Punjab Kesari
Girl in a jacket

दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चौथे दिन भी बहुत खराब रही

नयी दिल्ली : दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चौथे दिन शनिवार को भी बहुत खराब रही। राष्ट्रीय राजधानी

नयी दिल्ली : दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चौथे दिन शनिवार को भी बहुत खराब रही। राष्ट्रीय राजधानी के आठ इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर दर्ज किया गया। वहीं, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि त्योहारों में पटाखे फोड़े जाने और उत्तरी राज्यों में खेतों में पराली जलाने के चलते अगले हफ्ते वायु गुणवत्ता की स्थिति और भी खराब हो सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 दर्ज किया। इस मौसम का सबसे अधिक एक्यूआई 361, शुक्रवार को दर्ज किया गया था। दिल्ली के पांच इलाकों में शनिवार को प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर दर्ज किया गया। ये इलाके आनंद विहार, द्वारका सेक्टर-8, नरेला, पंजाबी बाग, बवाना, मुंडका, विवेक विहार और रोहिणी हैं। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक 434, पंजाबी बाग में दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शनिवार के आंकड़ों के मुताबिक एनसीआर क्षेत्र में गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर सर्वाधिक दर्ज किया गया, जबकि गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी की दर्ज की गई। गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई ‘‘अच्छा’’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच ‘‘संतोषजनक’’, 101 और 200 के बीच ‘‘मध्यम’’ श्रेणी का, 201 और 300 के बीच ‘‘खराब’’, 301 और 400 के बीच ‘‘बेहद खराब’’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘‘गंभीर’’ माना जाता है। सीपीसीबी नीत कार्यबल ने दिवाली से पहले वायु गुणवत्ता के और खराब होने का पूर्वानुमान करते हुए एक नवंबर से 10 नवंबर तक कड़े कदम उठाने की सिफारिश की है।

इन सिफारिशों में कोयला एवं बायोमास संचालित फैक्टरियों को बंद करना, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच के लिए परिवहन विभाग का निरीक्षण बढ़ाना और दिल्ली – एनसीआर में एक से 10 नवंबर को यातायात को नियंत्रित करना शामिल है। अधिकारियों ने लोगों को एक परामर्श भी जारी किया है और उनसे निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करने को कहा है। कार्यबल ने यह चेतावनी भी दी है कि त्योहार के दौरान प्रदूषण और उत्तरी राज्यों में किसानों के खेतों में पराली जलाने से स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। पीएम 2. 5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर के व्यास से कम आकार वाले सूक्ष्म कण) 179 दर्ज किया गया। इसे पीएम 10 की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten + four =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।