हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है।
हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने से दिल्ली में आ सकती है बाढ़
आपको बता दे कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने तथा हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने से राष्ट्रीय राजधानी में नदी का जल स्तर बढ़ने तथा बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्य प्रभावित होने की आशंका है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार सुबह खतरे के निशान से नीचे आ गया जो पिछले कुछ दिनों से खतरे के निशान 205.33 मीटर के आसपास बना हुआ था।
दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर
वही , बता दे कि हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी में जल के स्तर में बढ़ोतरी जारी है, इसलिए दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है।
अगर नदी का जलस्तर 206.7 तक बढ़ गया तो यमुना खादर में बाढ़ आ सकती है। लगातार बढ़ते जल स्तर ने चिंता बढ़ा दी है, जिससे सरकार को दिल्लीवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।
सीएम अरविंद केजरीवाल और पूरी सरकार घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है
दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग के ताजा अपडेट के अनुसार , संभावना है कि कल शाम तक यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। ऐसी स्थिति में उत्पन्न होने वाले संभावित जोखिमों और चुनौतियों से निपटने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल और पूरी सरकार घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है।
आगे आतिशी ने बताया कि अगर जल स्तर 206.7 तक बढ़ जाता है तो यमुना खादर के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने की ज्यादा संभावना है। सरकार इन संवेदनशील क्षेत्रों में तत्काल निकासी करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
लोगों को सम्मानजनक तरीके से ठहराने और समर्थन देने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई – आतिशी
प्रभावित निवासियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए राहत शिविरों का गहन निरीक्षण किया गया है वही , बड़े पैमाने पर तैयारी कर ली गई है। आतिशी ने आश्वासन दिया कि निकाले गए लोगों को सम्मानजनक तरीके से ठहराने और समर्थन देने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं।
आतिशी ने कहा कि बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से ‘मुनादी’ (घोषणा) की जा रही है। राहत शिविरों का निरीक्षण तथा लोगों के वहां लोगों को ठहराने की तैयारी की गयी है।
उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है।
किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी – आतिशी
आतिशी ने आगे कहा कि राजस्व विभाग ने स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए व्यापक उपाय किए हैं। कोई भी क्षेत्र हो हमने आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी की है।
दिल्ली सरकार जनता से सतर्क रहने और इस महत्वपूर्ण समय में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील करती है। निवासियों को उभरती स्थिति से अवगत कराने के लिए नियमित अपडेट और सलाह प्रदान की जाएगी।
दिल्ली के कुछ हिस्से पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जलभराव और बाढ़ से जूझ रहे हैं
आपको बता दे कि दिल्ली के कुछ हिस्से पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जलभराव और बाढ़ से जूझ रहे हैं। शुरुआत में, आठ और नौ जुलाई को अत्यधिक बारिश से भारी जलभराव हुआ और इन दो दिनों में शहर में मासिक कोटे की 125 प्रतिशत बारिश हुई।
इस बीच यमुना नदी के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा समेत ऊपरी जलग्रहण इलाकों में भारी बारिश से जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। जल के बहाव ने तटबंधों को तोड़ दिया और चार दशकों की तुलना में शहर के काफी अंदर तक घुस गया।
27,000 से अधिक लोग हुए बेघर
दिल्ली में बाढ़ के परिणाम विनाशकारी रहे हैं, शहर में 27,000 से अधिक लोगों को उनके घरों से निकाला गया। संपत्ति, व्यवसाय और कमाई के मामले में नुकसान का आंकड़ा करोड़ों तक पहुंच गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में भीषण बाढ़ का कारण यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र पर अतिक्रमण, थोड़े समय के भीतर ज्यादा बारिश और गाद जमा होना है।