देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर नए रिकॉर्ड बना रहा है. हरियाणा से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना में आई इस बाढ़ ने साढ़े चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया. आज से पहले 1978 में ऐसा नजारा देखने को मिला था. तब भी यमुना ने तटीय इलाकों को अपने आगोश में ले लिया था. आज यह नजारा देखकर लोगों को वो दौर याद आ गया.
क्या 45 साल बाद एक बार फिर डूबने जा रही है राजधानी दिल्ली
ये सवाल पिछले दो दिनों से हर किसी के मन में बना हुआ है. वजह, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. बुधवार रात को यमुना का जलस्तर 208 मीटर को पार कर गया। यानी दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 2 मीटर ऊपर बह रही है. बुधवार की रात 11 बजे जलस्तर 208.8 मीटर रिकार्ड किया गया है. 1900 के बाद यह पहली बार है कि यमुना का स्तर 207.49 को पार कर गया है। इससे पहले आखिरी बार 1978 में यमुना का स्तर सबसे ज्यादा दर्ज किया गया था. तब यह 207.49 मीटर था, जो आज भी एक रिकॉर्ड माना जाता है।
यमुना नदी से सटे इन इलाकों को तुरंत छोड़ने की चेतावनी
बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों को खाली करने की चेतावनी जारी की है. इनमें बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर, यमुना बाजार, गीता घाट, नीम करोली गौशाला, विश्वकर्मा और खड्डा कॉलोनी, गढ़ी मांडू, मजनू का टीला से वजीराबाद तक शामिल हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के निचले इलाकों उस्मानपुर, बदरपुर खादर में यमुना के पास के इलाकों में लोग अपने घर खाली कर दें.