न मौसम न बारिश लेकिन दिल्ली वालो पर बाढ़ का खतरा ,10 दिन के बाद यमुना का जलस्तर दोबारा खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है।दिल्ली में बहुत दिनों से वर्षा न होने के बाद भी यमुना का वाटर लेवल बढ़ने का कारण हथिनी कुंड बैराज है। वहा से निरंतर पानी छोड़े जाने के चलते एक बार फिर दिल्ली – एनसीआर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है।
सुबह नौ बजे जलस्तर गिरकर 205.29 मीटर पर
मिली जानकारी के अनुसार, हथिनी कुंड बैराज से शनिवार सुबह 9 बजे 1 लाख 47 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। ठीक एक घंटे बाद यानी 10 बजे 2 लाख क्यूसेक और 11 बजे 2 लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह नौ बजे जलस्तर गिरकर 205.29 मीटर पर आ गया जो शुक्रवार शाम छह बजे 205.34 मीटर पर था।
हथिनीकुंड बैराज से पानी का बहाव 3 लाख क्यूसेक के निशान को पार
सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से जल बहाव सुबह नौ बजे 1.47 लाख क्यूसेक था जो 13 जुलाई से सर्वाधिक है। बांधों, नदियों और लोगों पर दक्षिण एशिया नेटवर्क के सह समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, ‘ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश कम हो रही है और हथिनीकुंड बैराज से पानी का बहाव 3 लाख क्यूसेक के निशान को पार नहीं करना चाहिए। सीडब्ल्यूसी हाइड्रोग्राफ में बाटा नदी को छोड़कर पहाड़ी इलाकों में नदियों के जलस्तर में अधिक वृद्धि नहीं दिखी है।