नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग की दफ्तर में शिकायतकर्ताओं की संख्या के मुकाबले स्थान काफी कम है। इससे वहां भीड़ की स्थिति बन जाती है। इसे दूर करने के लिए आयोग को प्राथमिकता पर अतिरिक्त जगह दी जाएगी। यह कहना है दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव का। सोमवार को वह आयोग का कामकाज देखने उसके दफ्तर गए थे।
इस अवसर पर उन्होंने आयोग के काम को सराहा और अपनी तरफ से पूरी सहायता देने का भरोसा दिया। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस और आयोग के कार्य संबंधों को धाराप्रवाह बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी आश्वासन दिया। अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा देते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने बताया कि 2015 में आयोग के पुनर्गठन के बाद से अब तक 52,473 शिकायतों पर काम किया जा चुका है। यह पिछले आयोग के आठ साल के कार्यकाल से 700 प्रतिशत ज्यादा है।
अध्यक्षा ने स्वयं 2000 से ज्यादा शिकायतों पर काम किया है। आयोग ने कई शेल्टर होम, कम्युनिटी और बलात्कार पीड़िताओं के यहां 800 से ज्यादा विजिट की हैं, सरकार को नीतिगत मामलों में 175 से ज्यादा सिफारिश की हैं। आयोग ने बलात्कार पीड़िता सहायता केंद्र के द्वारा आयोग ने यौन अपराधों की पीड़िताओं की सहायता के लिए अदालतों में 35,606 तारीखों पर उपस्थिति दर्ज करवाई है। 11,670 यौन हिंसा की पीड़िताओं की काउन्सलिंग कराई और यौन हिंसा के मामलों में 6,952 प्राथमिकी दर्ज करवायीं।
पिछले ढाई साल में 181 महिला हेल्पलाइन पर 2.35 लाख फोन कॉल पर कार्रवाई की गयी और मुसीबत में फंसी महिलाओं की सहायता के लिए 43,497 विजिट की गयीं| आयोग के महिला पंचायत केन्द्रों में 10,619 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गयीं और दो साल में 15,843 कम्यूनिटी मीटिंग की गयीं|