Delhi Temperature Error: दिल्ली में गर्मी ने तोड़ा 79 साल का रिकॉर्ड, तो बैठ गई जांच; क्या टूट सकता है 111 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड? - Punjab Kesari
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Delhi Temperature Error: दिल्ली में गर्मी ने तोड़ा 79 साल का रिकॉर्ड, तो बैठ गई जांच; क्या टूट सकता है 111 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड?

Highest Temperature In Delhi: देश के कई हिस्सों में प्रचंड गर्मी पर रही है। खबर के मुताबिक, बुधवार (29 मई) को राजधानी दिल्ली के तीन केंद्रों मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ ने लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया। यह राष्ट्रीय राजधानी में अब तक दर्ज किया गया सर्वाधिक तापमान रहा। अब इस मामले पर मंत्रालय ने कहा कि सभवतः तकनीकी दिक्कतों के चलते गलत आंकड़ा दर्ज हुआ।

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दरसल, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में तापमान 52 डिग्री के पार चला गया। दिल्ली के मुंगेशपुर में बुधवार को अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शहर में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। हालांकि, भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि वह किसी भी संभावित त्रुटि के लिए क्षेत्र के मौसम केंद्र के सेंसर और डेटा की जांच कर रहा है। खुद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस आंकड़े को लेकर सवाल उठाए। इसके बाद आईएमडी ने स्पष्ट किया कि मुंगेशपुर में दर्ज किया गया 52 डिग्री सेल्सियस से अधिक का अधिकतम तापमान “सेंसर में त्रुटि या स्थानीय कारक” के कारण था। इसकी जांच कराई जा रही है।

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दिल्ली का पारा 52 पार !
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो 79 वर्षों में सबसे अधिक है। 17 जून, 1945 को यह 46.7 डिग्री सेल्सियस था। वहीं मुंगेशपुर के 52 डिग्री से अधिक तापमान के बारे में, IMD ने कहा कि वह क्षेत्र के मौसम केंद्र के सेंसर और डेटा की जांच कर रहा है। अगर दिल्ली का तापमान 4.4 डिग्री और बढ़ता है, तो यह पृथ्वी पर सबसे ज्यादा तापमान वाला शहर घोषित हो जाएगा। दिल्ली के बाद राजस्थान का चूरू शहर 50.5 डिग्री तापमान के साथ देश का दूसरा सबसे गर्म शहर रहा। बता दें कि राजस्थान में गर्मी से 23 से 29 मई तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है।

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इससे पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार 17 जून, 1945 में दिल्ली का अधिकतम तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं देश में आखिरी बार उच्चतम तापमान (51 डिग्री सेल्सियस) 2016 में राजस्थान के फलोदी में दर्ज किया गया था। इसके बाद 2019 में चूरू में 50.8 डिग्री तापमान दर्ज हुआ और 1956 में अलवर में 50.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था।

क्या टूट जाएगा 111 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड?
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा तापमान आज से 111 साल पहले 10 जुलाई 1913 को दर्ज किया गया था। हम जिस सबसे गर्म जगह की बात कर रहे हैं उसे डेथ वैली (California’s Death Valley) के नाम से जाना जाता है। ये इलाका कैलिफोर्निया के पूर्व में स्थित एक रेगिस्तान है। जो समुद्रतल से 190 फीट नीचे स्थित है। यहां नॉर्मल तापमान भी 50 डिग्री से ऊपर रहता है। यहां के मौसम को कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता, क्याेंकि यहां पर जरूरत से ज्‍यादा गर्मी होती है। तो अगर आप भी इस मौसम में यहां जाने की सोच रहे हैं, तो ना जाएं, क्‍योंकि आप जलकर राख हो सकते हैं। कहा जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा तापमान यहीं पाया जाता है।

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यहां 111 साल पहले दुनिया का सबसे ज्यादा तापमान 56.7 डिग्री दर्ज किया जा चुका है। ग्रीनलैंड डेथ वैली के इस एरिया को फरनेस क्रीक रेंच (Greenland Ranch) कहा जाता है। वहीं, 15 जुलाई 1972 को यहां की जमीन का तापमान 89 डिग्री सेल्सियस पाया गया था। ये पानी उबलने के तापमान से सिर्फ 11 डिग्री कम है। डेथ वैली में रात का तापमान 28 से 37 डिग्री के बीच रहता है।

गलत साबित हुए थे लीबिया के दावे
हालांकि, कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी हैं, जिनकी पुष्टि नहीं हो पाई। लीबिया के अल अजीजिया के नाम 90 साल तक सबसे ज्‍यादा तापमान वाली जगह का रिकॉर्ड था। 1922 में लीबिया में 57.8 डिग्री सेल्सियस का तापमान रिकॉर्ड हुआ था। 2012 में वर्ल्‍ड मीटरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (विश्व मौसम संगठन) ने इस दावे को गलत पाया। इसके बाद कैलिफॉर्निया की डेथ वैली दुनिया की सबसे गर्म जगह बन गई. अब तक बनी हुई है।

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