दिल्ली दंगे 2020 : पांचवां सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल, UAPA और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज - Punjab Kesari
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दिल्ली दंगे 2020 : पांचवां सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल, UAPA और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज

दिल्ली दंगे जो राजधानी के निवासियों के लिए एक बुरे सपने जैसा था। दंगो के दौरान अफवाहों से

दिल्ली दंगे जो राजधानी के निवासियों के लिए एक बुरे सपने जैसा था। दंगो के दौरान अफवाहों से भी निपटाना होता है एक तरफ दंगाइयों का भय तो दूसरी ओर गलत सूचना से भी किसी बड़ी अनहोनी का  एक अजीब सा डर हालंकि दिल्ली पुलिस के सख्त कार्यवाई के चलते दंगे तो खत्म हो गए लेकिन दंगो के गंदे दाग रह गए। ये वो दाग जिन्हे धुलने में पीढ़िया लग जाए। दंगो के बाद का मंजर कई महीनो तक सड़क पर  सभी से आते जाता पूछता क्या मिला ,किसे मिला आखिर जरुरत ही क्या थी।दंगों में मारे गए मासूमो का गुनहगार कौन ,  आखिर किसी का क्या कसूर था जो नागरिक  जो दंगो में मारा गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में उत्तरी दिल्ली दंगों के मामले की बड़ी साजिश में पांचवां सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है।
न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत के समक्ष पूरक आरोप पत्र दायर 
दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी साजिश के लिए यूएपीए और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत अन्य आरोपी हैं. 8 जून को कड़कड़डूमा कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश  अमिताभ रावत की अदालत के समक्ष पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। एएसजे रावत ने 9 जून को एक आदेश में कहा, “कल सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की गई है। उचित पावती के खिलाफ सभी आरोपी व्यक्तियों / वकीलों को एक प्रति प्रदान की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि विशेष की ओर से छूट के लिए एक लिखित अनुरोध विशेष प्रकोष्ठ के पुलिस आयुक्त ने प्राप्त किया, जिसमें कहा गया है कि प्रशासनिक आवश्यकताओं के कारण, वह अदालत में उपस्थित होने की स्थिति में नहीं हैं और उन्हें आज व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जा सकती है। अनुरोध को देखते हुए इसकी अनुमति दी जाती है।
विशेष आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा
इससे पहले सप्लीमेंट्री चार्जशीटने विशेष आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।
यह मामला शुरू में अपराध शाखा द्वारा दर्ज किया गया था और फिर विशेष सेल को स्थानांतरित कर दिया गया था।इस मामले में निचली अदालत ने इशरत जहां को छोड़कर कुछ आरोपियों की जमानत खारिज कर दी थी। उमर खालिद की जमानत अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दी थी। निचली अदालत के जमानत से इनकार करने के आदेश के खिलाफ अन्य अपीलें उच्च न्यायालय में लंबित हैं।

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