दिल्ली में 1901 के बाद दूसरी सबसे भारी बारिश हुई, जिससे तापमान में सात से दस डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। 78 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे मकान और पेड़ धराशायी हो गए। इसने यातायात जाम और जलभराव की समस्या उत्पन्न की, जिससे दिल्लीवासियों को काफी असुविधा हुई।
दिल्ली में बादलों की तेज गरज के तेज बारिश हुई थी। इस बारिश में मकान, पेड़, साइन बोर्ड ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो गए थे। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दिल्ली में शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे तक 78 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1901 के बाद से 24 घंटों में दूसरी सबसे अधिक बारिश है साथ ही 20 मई, 2021 को 119.3 मिमी से थोड़ा कम है। IMD ने बताया कि सबसे अधिक बारिश लोधी रोड 78 मिमी पर दर्ज की गई। सफदरजंग हवाई अड्डे के पास 77 मिमी बारिश दर्ज की गई।
1901 के बाद से सबसे अधिक वर्षा
IMD के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से क्षेत्र में नमी, हवा में बदलाव और मध्य क्षोभमंडल दोनों स्तरों पर लगातार अत्यधिक अनुकूल सिनॉप्टिक पैटर्न द्वारा सहायता प्राप्त हुई, जिसके परिणामस्वरूप भारी वर्षा हुई। बता दें कि 1901 के बाद से सबसे अधिक वर्षा 20 मई, 2021 को एसएफडी हवाई अड्डे पर 119.3 मिमी दर्ज की गई थी। भारी बारिश के कारण तापमान में तुरंत सात से दस डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई।
दिल्ली और NCR में झमाझम बारिश, IMD ने जारी की चेतावनी
जलमग्न हुई दिल्ली
अचानक हुई तेज बारिश के कारण भारी जलभराव हो गया, जिससे दिल्ली के कई हिस्सों में यातायात जाम हो गया। गुड़गांव, दिल्ली एयरपोर्ट और मिंटो रोड जैसी जगहें बुरी तरह जलमग्न हो गईं, जिससे लोगों को काफी असुविधा हुई। मौसम की स्थिति में अचानक आए इस बदलाव ने लोगों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।