केंद्र सरकार के द्वारा लगाए गए अध्यादेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की ओर से सतर्कता विभाग के अधिकारियों का उत्पीड़न किया जा रहा था, जिसके चलते ये अध्यादेश लाया गया। केंद्र सरकार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर अवैध तरीके से फाइलों पर कब्जा करने का आरोप लगाया।
केजरीवाल की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से आरोप लगाते हुए कहा गया कि शराब नीति और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के रिनोवेशन के जांच की फाइलों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती दी थी, जिसके जवाब में केंद्र ने अरविंद केजरीवाल की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से दाखिल याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार की दलीलें निराधार और मनमानी हैं, जो कानूनी या संवैधानिक आधारों पर होने के बजाय राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं.
अगले सत्र का इंतजार करने से राष्ट्रीय राजधानी “पंगु” हो जाती
दरअसल, केंद्र सरकार ने 19 मई को अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया था, जिसमें अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां दी गई थीं। केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि बहुत तेजी से पैदा हुई शर्मनाक स्थिति के कारण अध्यादेश को तत्काल रूप से लाने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि संसद के अगले सत्र का इंतजार करने से राष्ट्रीय राजधानी “पंगु” हो जाती।